123,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के करीब आ रहा है एस्टेरॉयड

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : एक मील चौड़ा क्षुद्रग्रह मार्च में पृथ्वी के काफी पास से  होकर गुजरेगा। नासा द्वारा इसे ‘संभावित खतरनाक’ करार दिया है। आकार में यह क्षुद्रग्रह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी दोगुना है। 231937 (2001 एफओ 32) नाम का क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, क्योंकि यह ग्रह से 1.2 मिलियन मील दूर होगा, चंद्रमा की तुलना में करीब पांच गुना दूर।

नासा के हिसाब से यह स्पेस रॉक तकरीबन 34.4 किलोमीटर प्रति सेकंड या 123,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सोलर सिस्टम से गुजरने वाला है। यह एस्टेरॉयड 5.3 लुनार डिस्टेंस से हमारी पृथ्वी के पास होकर जाएगा। एक लुनार डिस्टेंस 384,317 किलोमीटर के बराबर होता है यानी पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी। वहीं पृथ्वी और 2001 एफओ 32 की दूरी तकरीबन दो मिलियन किलोमीटर से ज्यादा होने वाली है।  2001 एफओ32 नामक इस एस्टेरॉयड की खोज 23 मार्च, 2001 में की गई थी। इस एस्टेरॉयड को नासा द्वारा अपोलो एस्टेरॉयड ग्रुप के तहत क्लासिफाई किया गया था। बताया जा रहा है कि 21 मार्च को सुबह करीब चार बजे हमारे ग्रह के करीब पहुंच जाएगा

दक्षिणी क्षितिज के थोड़ा ऊपर की ओर 21 मार्च को सूर्यास्त के ठीक बाद इसे आठ इंच के एपर्चर टेलीस्कोप के माध्यम से देखना संभव होगा। बता दें कि इस क्षुद्रग्रह को पहली बार न्यू मैक्सिको में साल 2001 में खोजा गया था।

सूर्य के इर्दगिर्द चक्कर लगाने वाले छोटे खगोलीय पिंड ‘क्षुद्रग्रह’ कहलाते हैं। ये मुख्यत: मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद ‘एस्टेरॉयड बेल्ट’में पाए जाते हैं। हालांकि, कई बार पृथ्वी के करीब से गुजरने के कारण इनसे अच्छा खासा नुकसान भी संभव है। बता दें कि यूरोपीयन स्पेस एजेंसी ने अगले 100 वर्षो में 900 क्षुद्र ग्रहों के धरती से टकराने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इनमें से छोटे से छोटा ग्रह भी धरती पर भारी तबाही मचा सकता है। ऐसे में धरती से टकराव के जोखिमों को कम करने के लिए यूरोपीयन स्पेस एजेंसी और कई अन्य समूह मिलकर इन क्षुद्र ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने में लगे हैं। क्षुद्र ग्रहों से धरती को बचाने की योजनाओं पर काम शुरू हो गया है।