पुणे, 16 जुलाई, समाचार ऑनलाइन- तीन लाख रुपए तक वार्षिक कमाई करने वाले परिवारों को अब सस्ती कानूनी मदद मिलेगी। विधि सेवा प्राधिकरण के वकील ऐसे लोगों की मुफ्त में केस लड़ेंगे। इससे जुड़ा आदेश राज्य सरकार के विधि और न्याय विभाग के उपविधि सलाहकार और उप सचिव ज्ञा।म। आहेर ने हाल ही में जारी किया।
सभी नागरिकों को न्याय के समान मौके दिए हैभारतीय संविधान के अनुसार सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और सरकारी योजनाओं को प्राप्त करने का अधिकार है। संविधान ने सभी नागरिकों को न्याय के समान मौके दिए हैं। इसके अनुसार समाज के आर्थिक दृष्टि से दुर्बल वर्गों को कानून संबंधी मदद देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
कमजोर वर्गो को मुफ्त कानून संबंधी सहायता देने के लिए इससे पहले तक वार्षिक आय की सीमा 72 हजार रुपए थी। इसमें कुछ वर्ष पहले सरकार ने 2 लाख रुपए तक की वृद्धि की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण की बैठक में आय की सीमा 3 लाख रुपए तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया। महाराष्ट्र विधि सेवा प्राधिकरण इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके बाद राज्य सरकार ने इसे मंजूरी देते हुए इस संबंध में हाल ही में आदेश जारी किया है। अधिक से अधिक जरूरतमंदों से योजना का लाभ लेने की अपील पुणे जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव चेतन भागवत ने की है।
राज्य सरकार के निर्णय का स्वागतइस संबंध में एड्। मंगेश लेंडघर ने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत है। इससे वंचितों को न्याय पाने में मदद मिलेगी। लेकिन बदली सामाजिक परिस्थिति से आर्थिक स्थिति ऊंचा उठा है। इसलिए आय की सीमा 3 लाख की बजाय पांच लाख तक बढ़ाई जाये ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को कानून की मदद मिल सके।