फासिस्ट प्रवृत्ति के खिलाफ महाराष्ट्र बंद में शामिल होने की अपील , वंचित बहुजन आघाडी के बंद में कई संगठनों ने को शामिल होने की घोषणा

पिंपरी। सँवाददाता-गत पांच सालों में केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। जीडीपी पांच से भी नीचे आ गया है, इसके चलते देशी- विदेशी निवेश बन्द हो गया है। मोदी सरकार ने किसान, मजदूर, उद्योगपति, विद्यार्थी, युवकों, महिलाओं सभी तबकों का विश्वास खो दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा  ‘फासिस्ट’ प्रवृत्ति के समान मनमानी कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश व्याप्त है, जिसे दबाने के लिए सीएए, एनआरसी व एनपीआर जैसे संविधानविरोधी कानून लाये जा रहे हैं। यह आरोप भारिपा बहुजन महासंघ की पिंपरी चिंचवड़ इकाई के अध्यक्ष देवेन्द्र तायड़े ने बुधवार को एक सँवाददाता सम्मेलन में लगाया।
मोदी सरकार की मनमानी व गलत नीतियों के विरोध में वंचित बहुजन आघाडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. बालासाहेब तथा प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में लोकशाही तरीके से जनआंदोलन शुरू रखने का संकल्प करते हुए शुक्रवार को वंचित बहुजन आघाडी एवं राज्य के सैकड़ों समविचारी संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है, इसमें लोगों से शामिल होने की अपील की गई है। इस बंद का समापन शुक्रवार की शाम 5 बजे पिंपरी स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक चौक में आयोजित जाहीर सभा से होने की जानकारी भी उन्होंने दी।
इस बंद का समर्थन करने हेतु आयोजित इस सँवाददाता सम्मेलन में पूर्व नगरसेवक अंकुश कानडी, भारिप बहुजन महासंघ की महिला शहराध्यक्षा लता रोकडे, गुलाब पानपाटील, राष्ट्रीय इसाई महासंघ के राजन नायर, ओबीसी संघर्ष समिति के सुरेश गायकवाड, स्वाभिमानी रिपब्लिकन पार्टी के शहराध्यक्ष शरद म्हस्के, बौद्ध समाज विकास परिषद के शरद जाधव, महाराष्ट्र अल्पसंख्यक ख्रिस्ती विकास परिषद के डेव्हिड काले, आजाद ग्रुप के ताज्युद्दिन शेख, समाजवादी पार्टी के शहराध्यक्ष रफिक कुरेशी, भीमशाही युवा संगठन के शिवशंकर उबाले, झोपडपट्टी समस्या निवारण युवा संगठन के ईश्वर कांबले, छावा स्वराज्य सेना के सौरभ सगर, आरटीई पालकसंघ के अरुण मैराले, नंदीबैल समाज संगठन के बाबूराव फुलमाली, मीम फाऊंडेशन के काशिम सय्यद, सुनीता शिंदे, शारदा बनसोडे, सुनीता जाधव, के.डी. वाघमारे, रहिम सय्यद, सुरेश गायकवाड, धनंजय कांबले, बबन सरोदे, विकास कांबले, अनंत शेवाले, शरद वाघमारे, अमोल जावले, प्रशांत जाधव, मिलिंद केदारी, राहुल ओव्हाल, हरीभाऊ डोलस, कांता कांबले आदि उपस्थित थे।