गुमनाम खत ने उलझा दी भय्यू महाराज खुदकुशी मामले की गुत्थी

इंदौर। समाचार एजेंसी

इतने दिनों बाद भी राष्ट्रसंत भय्यू महाराज के खुदकुशी की गुत्थी सुलझ नहीं सकी है। मध्यप्रदेश पुलिस इस मामले की तह तक जाने की जी तोड़ कोशिशों में जुटी है, मगर एक गुमनाम खत ने इस गुत्थी को और उलझा दिया है। महाराज के विश्वसनीय सेवादारों में शुमार किसी एक सेवादार ने 11 पन्नों का एक गुमनाम खत पुलिस महानिदेशक को भेजा है। इसमें भय्यू महाराज के पारिवारिक जीवन से जुड़ी कई बातों को उजागर किया है। बहरहाल पुलिस महानिदेशक ने इस खत में लिखे गए तथ्यों की सच्चाई जानने के आदेश महकमे को दिये हैं।

पुलिस महानिदेशक हरिनारायणचारी मिश्र को भेजे गए खत में लिखा गया है कि, भय्यू महाराज के जीवन में उसी दिन से कलह ने घर बना लिया था, जिस दिन डॉ. आयुषी ने उनसे विवाह किया था। उसने पहले उन्हें घरवालों से दूर करना शुरू किया, फिर आश्रम में अपने भाई और चाचा की एंट्री करवा दी। यही नहीं भय्यू महाराज पर अपनी बेटी कुहू से दूरी बनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। प्रॉपर्टी और कैश पर भी नजरें गड़ा लीं। भय्यू महाराज पिछले दो साल से मानसिक तनाव में थे। डॉ. आयुषी से शादी के बाद वह अकेला महसूस करने लगे थे। उसने उनकी निगरानी करनी शुरू कर दी थी। वह आश्रम और घर में होने वाली बैठकों की जानकारी लेने लगी थीं। महाराज से जुड़े हर व्यक्ति और उनके पास आने वालों का हिसाब सेवादार और नौकरों से रखने लगी थीं।

डॉ आयुषी महाराज की पहली पत्नी माधवी के बारे में चर्चा करने पर भड़क जाती थीं। घर में लगी उसकी तस्वीरों को हटवा दिया था। उन्होंने महाराज की बेटी कुहू से बात करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। महाराज को कई बार करीबियों से छुपकर बातें करना पड़ती थीं। डॉ.आयुषी ने अपनी मां रानी और पिता अतुल शर्मा को इंदौर बुलाया और सिल्वर स्प्रिंग फेज-2 में मकान दिलवा दिया। भाई अभिनव और चाचा उमेश शर्मा को आश्रम में काम पर लगवा दिया। उमेश तो आश्रम से 50 हजार रुपये महीना वेतन भी लेने लगा था। इन सब वजहों से महाराज तनाव में रहने लगे। घर के माहौल के कारण उनकी बहनों और बहनोइयों ने आना बंद कर दिया। तनाव इतना बढ़ा कि महाराज को आत्महत्या करनी पड़ी।

पुलिस महानिदेशक के पास गुरुवार को पहुंचे इस खत में खत लिखने वाले ने खुद को भय्यू महाराज का विश्वसनीय सेवादार बताया है, लेकिन मौत के भय से नाम उजागर करना मुमकिन नहीं है। उसने यह भी लिखा है कि वह भय्यू महाराज की मौत का राज जानता है और जिम्मेदार को सजा भी दिलवाना चाहता है। सीएसपी व इस मामले के जांच अधिकारी मनोज रत्नाकर का कहना है कि मैंने करीब 30 लोगों के बयान लिए हैं, लेकिन किसी ने इस तरह के आरोप नहीं लगाए। डॉ. आयुषी की मां रानी शर्मा ने कहा कि आश्रम और घर से जुड़े बहुत सारे लोग हैं, जो घर बिगाड़ने की फिराक में हैं। पत्र लिखने वाला भी घर का व्यक्ति है। वह नहीं चाहता कि सब कुछ सामान्य हो। पत्र में लिखी बातों में जरा भी सच्चाई नहीं है।