अन्ना हजारे ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, बोले- इस भ्रम में न रहें कि हममें से कोई भी कुछ नहीं कर सकता

अहमदनगर – कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच अन्ना हजारे ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। साल 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने वाले अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मांगों को दोहराया है और किसानों के मुद्दे पर अपने जीवन की ‘अंतिम भूख हड़ताल’ की चेतावनी दी है।

अन्ना हजारे ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने पत्र में अपना फैसला दोहराते हुए कहा कि जनवरी के अंत तक वह किसानों को मुद्दे को लेकर अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल की शुरुआत करेंगे। हजारे ने कहा, ‘किसानों के मुद्दे पर मैंने (केंद्र के साथ) 5 बार पत्र व्यवहार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस कारण से मैंने अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।’

अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस सरकार उन्हें जेल में दाल दिया था। यह उन्हें महंगा पड़ा। लोगों ने उस सरकार को सबक सिखाया। इसलिए वर्तमान सरकार को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि हममें से कोई भी कुछ नहीं कर सकता। अन्ना ने कहा कि अगर अनशन के लिए कोई जगह नहीं है, तो मुझे जहां जगह मिले वही से अनशन शुरू कर दूंगा, जैसा कि मैंने पहले भी किया है। अन्ना हजारे ने सरकार और संबंधित प्रशासन को पत्र भी भेजे हैं। लेकिन अन्ना को अब तक जवाब नहीं मिला है इस पर भी उन्होंने नाराजगी जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने सवाल उठाया है कि क्या आप मुझसे बदला ले रहे हैं?