Anil Deshmukh | अनिल देशमुख के ठिकाने को लेकर पूर्व मंत्री का सनसनीखेज दावा

अहमदनगर (Ahmednagar News) – भाजपा के पूर्व मंत्री प्रा. राम शिंदे (Ram Shinde) ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को लेकर बड़ी बात कही है। शिंदे ने कहा- तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) कोरोना काल में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस (Police) को लाठियों पर तेल लगाने की बात कह रहे थे। और अब वे खुद ही उस लाठी से डर रहे है। इसलिए वह गिरफ्तारी से बचना चाहते है।

राम शिंदे (Ram Shinde) ने आज शहर में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बारे में पूछे गए सवाल पर कड़े जवाब दिए। उन्होंने कहा- राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। केंद्रीय मंत्री को तुरंत गिरफ्तार (Arrest) कर लिया जाता है। अपराध महाड में हुआ, नासिक में दर्ज किया गया और रत्नागिरी में गिरफ़्तारी। केंद्रीय मंत्री को ऐसे गिरफ्तार किया जाता है। लेकिन, अब पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया गया है लेकिन, पूर्व गृह मंत्री का पता नहीं चल पा रहा है।

आगे उन्होंने कहा- दरअसल, उन्हें खुद आगे आना चाहिए। पांच नोटिस के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए। उन्हें फ़ौरन ईडी (ED) के पास जाना चाहिए और प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। पहली बार ऐसा देखने में आया है कि केवल वकील और अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है और आरोपी फरार है। इसलिए, उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना चाहिए।  पुलिस (Police) को पता है वह कहां हैं। ऐसा दावा शिंदे ने किया है।

शिंदे ने कहा- यह वही गृह मंत्री थे जिन्होंने कोरोना काल में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस से लाठियों पर तेल लगाने को कहा था। शायद अब उन्हें इन लाठियों से डर लग रहा है। केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया और पूर्व गृह मंत्री का पता नहीं चल सका। इसलिए, लोगों का उन पर से विश्वास उठ गया है।

इसके अलावा शिंदे ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल (BJP Delegation) के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात की। जिले में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र की तत्काल मरम्मत की जाए। किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। इस मांग को लेकर शिंदे ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने जिले के संरक्षक मंत्री की भी आलोचना की। उन्होंने पालक मंत्री हसन मुशरिफ पर जिले को कम समय देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा पालक मंत्री कभी जिले के नागरिकों के बारे में नहीं सोचते। उनकी शिकायतें नहीं सुनते। वे किसी का दुख नहीं सु न्ते है। विपक्ष के तौर पर हम अक्सर कहते हैं, लेकिन वह सुनते नहीं। हमारे जिले में तीन मंत्री हैं। अगर मुशरिफ हमेशा यहां नहीं आते हैं, तो मंत्रियों में से एक को अधिकार दिया जाना चाहिए। अन्य मंत्री पालक मंत्री की कमी को पूरा करें, नहीं तो हमें आंदोलन करना होगा।

 

 

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