अमित शाह ने राहुल गाँधी को दी CAA पर बहस की चुनौती, कहा- “कानून नहीं पढ़ा तो इटालियन में ट्रांसलेट कर भेज सकता हूं.”

समाचार ऑनलाइन- गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को CII पर बहस करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि, “राहुल मेरे साथ CAA को लेकर बहस कर लें, बशर्ते अगर उन्होंने कानून पढ़ा हो तो.” शाह ने आगे कहा कि, “अगर राहुल गांधी ने कानून नहीं पढ़ा है, तो वह इसे इटली में ट्रांसलेट करेंगे और उन्हें भेजेंगे.”

शाह के मुताबिक, “इसलिए मैं कह रहा हूं कि अगर राहुल ने कानून पढ़ा है, तो इस पर कहीं भी चर्चा करें. यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है, तो मैं इसे इतालवी में अनुवाद करता हूं और आपको इसे भेजता हूं,  फिर इसे पढें.” गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन एक्ट के पक्ष में राजस्थान के जोधपुर में जनसभा की थी, उसी दौरान वे बोल रहे थे.

शाह ने आगे कहा कि, हाल ही में, केरल विधानसभा ने अधिनियम को वापस लेने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कानून को खत्म करने की मांग कर रही हैं, जिसे अमित शाह बिलकुल सुनने के मूड में नहीं है. आगे गृह मंत्री ने कहा कि, “अगर ये सभी दल एक साथ आते हैं, तो भी भाजपा नागरिकता अधिनियम को लेकर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. आप जितनी चाहें उतनी गलत जानकारी फैला सकते हैं.”

बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एसपी, बीएसपी,  आम आदमी पार्टी सहित कुछ पार्टियां CAA का विरोध कर रही हैं.

इस पर, गृह मंत्री ने इन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, कांग्रेस, ममता दीदी, एसपी, बीएसपी, केजरीवाल एंड कंपनी सभी इस कानून के विरोध में हैं, इन सभी को मैं चुनौती देता हूं कि वो साबित करें इससे किसी अल्पसंख्यक को नुकसान होगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि CII कानून, 31 दिसंबर, 2014 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदुओं, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता का पात्र बनाता है. कानून में मुस्लिम शामिल नहीं हैं, यही वजह है कि विपक्ष इसे ‘भेदभावपूर्ण’ करार दे रहा है।