अमेरिका और भारत के बीच अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर हुआ सौदा

930 मिलियन डॉलर यानी लगभग 6287 करोड़ का सौदा हुआ

वाशिंगटन। समाचार एजेंसी

अमेरिकी सरकार ने मंगलवार को भारतीय सेना को छह एएच-64ई अपाचे जंगी हेलीकॉप्टर बेचने के सौदे को मंजूरी दे दी है। इस समझौते को अमेरिकी कांग्रेस के पास भेजा गया है। यदि इस समझौते पर कोई भी सांसद सवाल नहीं उठाता है तो इसे मंजूरी के लिए आगे भेज दिया जाएगा। अमेरिका और भारत के बीच यह सौदा 930 मिलियन डॉलर यानी लगभग 6287 करोड़ रुपये में किया गया है। इन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है। इन हेलीकॉप्टर्स को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है।बोइंग और भारतीय साझेदार टाटा ने भारत में अपाचे हेलीकॉप्टर की बॉडी बनानी शुरू कर दी है, लेकिन मंगलवार को जिस सौदे को मंजूरी दी गई है उसके तहत भारत को पूरी तरह तैयार हेलीकॉप्टर बेचा जाएगा।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा, एएच-64ई अपाचे हर तरह के खतरों का सामना करने और सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने के लिए भारत की रक्षात्मक क्षमता में वृद्धि प्रदान करेगा।’

1986 में अमरीकी सेना में शामिल हुआ

अपाचे को यूएस आर्मी के एडवांस्‍ड अटैक हेलीकॉप्‍टर प्रोग्राम के लिए डेवलप किया गया था। इसने पहली उड़ान 30 सितंबर 1975 को भरी थी। अप्रैल 1986 में अपाचे को यूएस आर्मी में शामिल किया गया था। हालांकि, तब ये इतने मॉर्डन नहीं थे, जितने आज हैं।

कई देश कर रहे इस्तेमाल
फिलहाल, अपाचे को दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलिकॉप्टर माना जाता है। आज ये हेलीकॉप्टर यूएस आर्मी के अलावा इजरायल, मिस्र और नीदरलैंड की आर्मी भी इस्तेमाल करती है।

नाइट विजन सेंसर, जीपीएस भी मिलेंगे
अमेरिका से इस समझौते में हेलीकॉप्टर के अलावा नाइट विजन सेंसर, जीपीएस मार्गदर्शन, एंटी-कवच और स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।