धोखाधड़ी के आरोप…सुर्खियां बटोरीं, तो जेल की हवा भी खा रहे डीसी अवंति के निर्माता छाबड़िया

मुंबई . ऑनलाइन टीम   सुपर कार निर्माता दिलीप छाबड़िया ने  भारत की पहली रियल स्पोर्ट्स कार डीसी अवंति बनाने की शुरुआत की थी। हालांकि यही स्पोर्ट्स कार अब छाबड़िया के जेल जाने की वजह बन गयी है। छाबड़िया को मुंबई पुलिस ने कार खरीदारों तथा कर्ज प्रदान करने वालों को धोखा देने के आरोप में 28 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भाराम्बे के अनुसार, पुलिस ने पाया है कि एक ही कार पर कई बार ऋण लिया गया है। लगभग 90 डीसी अवंति कारों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया गया है और इस तरह लगभग 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। पुलिस ने यह भी पाया है कि इन 90 वाहनों में से अधिकांश विभिन्न राज्यों में दो या तीन आरटीओ में पंजीकृत थे।

ध्यान रहे भारत के पहले और इकलौते कार डिजाइनर और निर्माता दिलीप छाबड़िया 1990 के दशक से सुर्खियां पाते रहे हैं। उनकी कंपनी डीसी डिजाइन, कारों को डिजाइन करने, ऑटोमोटिव कंपनियों को प्रोटोटाइप बनाने में मदद करती थी। अमेरिका के आर्ट सेंटर ऑफ डिजाइन से बाकायदा ऑटोमोटिव डिजाइन की डिग्री लेकर मुंबई लौटे छाबड़िया ने 1993 में कारोबार शुरू किया था। वे ऑटो और कार की डिजाइन बनाते थे। उन्होंने मारुति सुजुकी की जिप्सी में भी बदलाव कर लोकप्रियता पाई थी। कार निर्माता कंपनियों को नए सुझाव और सुविधा वाले प्रोटोटाइप बनाकर दिखाने वाले दिलीप को उन कार प्रेमियों से भी काम मिलने लगा, जो अपनी कार में कुछ बदलाव चाहते थे। उस वक्त मॉडिफिकेशन का काम छोटे गैराज के मैकेनिक ही करते थे। असंगठित क्षेत्र के इस काम को लेकर दिलीप ने अपनी अमेरिकी डिग्री की बदौलत बड़ी छलांग लगाई। उनकी डिजाइन और मॉडिफाइड की गई चमचमाती कारों ने उनको बहुत जल्द प्रसिद्धी दिलाई।

इस तरह भारत में वाहनों के डिजाइन में बदलाव का 1990 के दशक की शुरुआत से प्रतिनिधित्व करते आ रहे छाबड़िया को अब जेल में दिन काटने पड़ रहे हैं। छाबड़िया को बड़ा झटका तब लगा, जब डीसी अवंति के तमिलनाडु के एक ग्राहक ने अपनी कार पहले से ही हरियाणा के एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत पाये जाने की शिकायत की।   हास्य कलाकार कपिल शर्मा ने काफी समय पहले एक वैनिटी वैन के लिये पूरा भुगतान कर देने के बाद भी डिलिवरी नहीं किये जाने को लेकर छाबड़िया के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।