Ajit Pawar | Maharashtra : अनिल देशमुख के बाद अजित पवार ED के रडार पर? जरंडेश्वर शुगर फैक्ट्री पर ईडी की कार्रवाई

पुणे (Pune news) : ऑनलाइन टीम – ईडी (ED) ने डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) के करीबी जरंडेश्वर शुगर फैक्ट्री (Jarandeshwar Sugar Factory) पर ईडी (ED) ने कार्रवाई की है। ईडी ने करोड़ों रुपये के वित्तीय धोखाधड़ी मामले (fraud case) में चीनी कारखाने (sugar factory) को जब्त कर लिया है। यह चीनी फैक्ट्री अजीत पवार (Ajit Pawar) के करीबी सहयोगियों की है। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि क्या अब अजित पवार (Ajit Pawar) ईडी (ED) के रडार पर है?

ईडी (ED) के अनुसार, जरंडेश्वर मामले में सुनेत्रा पवार की जय एग्रोटेक से फैक्ट्री खरीदने वाली कंपनी गुरु कमोडिटीज (Guru Commodities) में करीब 20 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। अजित पवार (Ajit Pawar) के चचेरे भाई राजेंद्र घाडगे (Rajendra Ghadge), जरंडेश्वर को खरीदने वाली कंपनी के निदेशक हैं। उसी समय जब अजीत पवार (Ajit Pawar) राज्य सहकारी बैंक (state co-operative bank) के निदेशक थे।  तो उन पर कारखाने को कम कीमत पर प्राप्त करने और अपने ही रिश्तेदारों के नाम पर लेने का आरोप लगाया गया था। यह निवेश उनकी पत्नी जय एग्रोटेक ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार के नाम पर किया था।

बता दें कि गुरु कमोडिटीजनं कारखाना जरंडेश्वर शुगर मिल्स प्रायव्हेट लिमिटेड (Jarandeshwar Sugar Mills Private Limited) को भाड़े पर दिया था। स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड (Sparkling Soil Private Limited) की फैक्ट्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।

इस बीच ईडी ने 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। चीनी फैक्ट्री उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) के करीबी सहयोगी राजेंद्र घाडगे (Rajendra Ghadge) के कब्जे में थी। सतारा में जरंडेश्वर चीनी कारखाने को खराब कर्ज के कारण नीलामी के लिए रखा गया था। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने 2010 में कारखाने की नीलामी की और इसे गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। लेन-देन बाजार मूल्य से काफी कम दर पर हुआ और ईडी ने आरोप लगाया है कि नीलामी प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया था।

हालांकि पूर्व विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री शालिनिताई पाटिल (shalinitai patil) ने कहा था कि इस मामले में कदाचार हुआ है।

हालांकि खराब कर्ज के चलते फैक्ट्री की नीलामी कर दी गई थी, लेकिन इस मामले में कदाचार हुआ है।

शालिनितई ने आरोप लगाया था कि अजीत पवार (Ajit Pawar) ने उनके पास से फैक्ट्री को जब्त कर लिया था।

शालिनिताई कारखाने के संस्थापक और अध्यक्ष थे।

 

 

 

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