अजीत पवार को क्लीनचिट तो मिल गया लेकिन, जलसंपदा के पूर्व अधिकारी विजय पांढरे ने कहा

बुलडाणा, 7 दिसंबर  – सिंचाई घोटाला मामले में जिम्मेदार केबिनेट मंत्री दोषी नहीं बल्कि सरकार की तरफ से गलत और भ्रम फैलाया गया. इस तरह का बयान जलसंपदा विभाग के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विजय पांढरे ने दिया है. साथी चितले समिति की रिपोर्ट को संज्ञान में एसीबी दवारा नहीं लेने  का आरोप लगाया है.

सरकार गलत और भ्रम वाली बातें फैला रही है 
सिंचाई घोटाले में चितले समिति की रिपोर्ट सरकार ने स्वीकार कर ली है. इसमें राज्य के महामंडल के सिंचाई प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर प्रक्रिया नियम के बाहर होने की बात कही गई है. इस प्रक्रिया के लिए उस समय की केबिनेट मंत्री जिम्मेदार है , उन्हें किस तरह से निर्दोष माना जा रहा है. जबकि हाई कोर्ट में केबिनेट मंत्री को दोषी बताने वाला चार्जशीट दायर की गई है. सरकार की तरफ से गलत और भ्रम फ़ैलाने वाली बात की जा रही है. एसीबी की तरफ से चितले समिति की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लेने का आरोप लगाया है.

अजीत पवार को सिंचाई घोटाले में पूरी तरह क्लीन चित 
राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार बनने के बाद राष्ट्रवादी नेता अजीत पवार को विदर्भ के सिंचाई घोटाला मामले में पूरी तरह से क्लीन चित दिया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद जलसंपदा विभाग के रिटायर्ड सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर विजय पांढरे ने चितले समिति की रिपोर्ट में सभी कुछ नियम के खिलाफ होने की बात कही है.

9 मामलों की जांच बंद 
सिंचाई प्रोजेक्ट के 32 में से 9 मामलों की जांच कुछ दिनों पहले बंद कर दिया गया. इस संबंध में एंटी करप्शन विभाग के अपर महासंचालक बिपिन कुमार सिंह ने एक प्रेस नोट जारी करके दिया है.