कृषि कानूनों पर टूटेगा गतिरोध…केंद्र के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ले सकता है बड़ा फैसला 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर सोमवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने साफ कहा कि आप कानून के अमल पर रोक लगाइए अन्यथा हम लगा देंगे। केंर्ट के रूख से किसानों में खुशी की लहर है और उनकी जीत देख जा रही है। चूंकि केंद्र ने इस मसले पर हलफनामा दायर किया है, इसलिए माना जा रहा है कि आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट  अहम फैसला सुना सकता है। संभवत: सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर एक कमिटी बना सकता है, जो इसका हल तलाशने की कोशिश करेगी। इसका संकेत सोमवार को ही सुनवाई में मिले थे।

मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने की स्थापित व्यवस्था को खत्म कर रही है और यदि इसे लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा।

दूसरी ओर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने बार-बार इससे इनकार किया है। सरकार इन अध्यादेशों को ‘ऐतिहासिक कृषि सुधार’ का नाम दे रही है। उसका कहना है कि वे कृषि उपजों की बिक्री के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बना रहे हैं। लिहाजा, केंद्र सरकार ने  ताजा हलफनामे में कहा है कि कृषि कानूनों को जल्दी में पास नहीं किया गया।  इन कानूनों के लिए दो दशक से बात चल रही थी। किसानों के लिए इसमें ज्यादा विकल्प दिए गए हैं और उनका कोई अधिकार नहीं लिया गया है।
किसान अब भी तीनों नए कृषि कानून को वापस कराने पर अड़े हुए हैं। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर सहित अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को 47 दिन पूरे हो गए। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होता, वे मुड़कर पीछे नहीं देखेंगे।