फिर लॉकडाउन की ओर देश, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मिले संकेत    

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक है।  यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। ऐसे में समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया गया है, लेकिन पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में लागू करने की सलाह दी है। हालांकि, कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन लगाया है। अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कि लोगों के हित में सरकारें कोरोना की दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने के लिए लॉकडाउन के बारे में भी विचार कर सकती हैं, अंदेशे को बल मिल रहा है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों को सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है।

दूसरी तरफ, केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कोई प्लान नहीं है। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार छिन जाएंगे। खास तौर पर प्रवासी मजदूर इससे प्रभावित होंगे। हालांकि इस बीच हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से भी देश के ऐसे जिलों में सख्त लॉकडाउन की सलाह दी जा चुकी है, जहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और कोरोना टास्क फोर्स की ओर से भी इस संबंध में चिंता जताई गई है। देश में बीते करीब 10 दिनों से कोरोना के 3 लाख से ज्यादा नए एक्टिव केस देखने को मिल रहे हैं।

दिल्ली, यूपी, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में अस्पतालों पर भारी दबाव देखने को मिल रहा है। यहां तक कि श्मशानों और कब्रिस्तानों में भी संकट देखने को मिल रहा है।

दरअसल, लॉकडाउन के पीछे असली संकेत यह है कि कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र एवं राज्य सरकारों को बड़ा कदम उठाने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा, ‘साथ ही हम केंद्र एवं राज्य सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वे सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों के आयोजन एवं लोगों के एकत्र होने पर पूरी तरह से रोक लगाएं।

बता दें कि देश में पिछले साल मार्च महीने में कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन लगाने का लक्ष्य वायरस की चेन को तोड़ना था।