नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन
आधार पर सुप्रीम फैसले के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली का एक बयान आया है। जिसमे उन्होंने आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। आगे उन्होंने कहा कि, अदालत के फैसले के बाद एक देश और एक पहचान को कानूनी मान्यता मिल गई है। आधार को केंद्र सरकार अनिवार्य नहीं बना सकती है। लेकिन एक बात सच है कि आधार की वजह से प्रतिवर्ष 90 हजार करोड़ की बंदरबाट पर रोक लगी है।
इस पर आगे उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तमाम आधार के तमाम बिंदुओं पर फैसला दिया है, लेकिन आधार की संवैधानिकता को लेकर जो सवाल उठाए जाते रहे हैं अब उस पर विराम लग जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भले ही किसी शख्स की निजता में थोड़ा खलल पड़े। लेकिन ये पूरी तरह संवैधानिक है।
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कहां होगी आधार की जरुरत और कहां नहीं –
इनकम टैक्स फाइल करने के लिए आधार की आवश्यकता होगी।
पैन कार्ड को आधार से लिंक करना होगा।
प्राइवेट फर्म या कंपनी में आधार देने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
बैंक अकाउंट को लिंक करने की जरूरत नहीं होगी।
स्कूल में एडमिशन के लिए आवश्यकता नहीं होगी।
मोबाइल नंबर को लिंक करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए होगी आधार की जरूरतसीबीएसई, नीट और यूजीसी की परीक्षाओं में आधार की जरूरत नहीं होगी।