आखिरकार बोल पड़े उद्धव ठाकरे… शांत हूं, संयमी हूं मगर इसका अर्थ यह नहीं कि नामर्द हूं, हम बाघ की संतान हैं

मुंबई. ऑनलाइन टीम : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि शांत हूं, संयमी हूं मगर इसका अर्थ यह नहीं कि नामर्द हूं। बाघ की संतान हैं। कोई भी महाराष्ट्र के आड़े आएगा या फिर दबाने की कोशिश करेगा तो क्या होगा, इसका इतिहास में उदाहरण है। आपके पास प्रतिशोध चक्र है, हमारे पास सुदर्शन चक्र है। हम पीछे लगा सकते हैं।

नसीहत देते हुए कहा-हमारे लोगों के परिजनों पर जिस तरह से हमले शुरू हैं,  ये तरीका महाराष्ट्र का नहीं है। बिल्कुल नहीं है। एक संस्कृति है। हिंदुत्ववादी कहे जाने के बाद एक संस्कृति हैं और आप परिवार पर आओगे, बच्चों पर आनेवाले होंगे तो हम पर हमला करनेवाले जिस-जिस का परिवार और बच्चे हैं उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि आप का भी परिवार है और बच्चे हैं। आप दूध के धुले नहीं हो। आपकी खिचड़ी कैसे बनानी है ये हम बनाएंगे।’

उद्धव ठाकरे  ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ईडी और सीबीआई का डर किसे दिखाते हो? महाराष्ट्र सरकार  को जनता का आशीर्वाद है।’ उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘सरकार ने एक साल पूरे कर लिए हैं। सरकार आज गिराएंगे, कल गिराएंगे, इस दौरान ऐसा बोलने वालों के दांत गिर पड़े हैं।’ उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘कुछ लोगों के दिमाग में विकार आ गया है, इसका उपचार करना होगा। फिलहाल सिर्फ हाथ धो रहा हूं, हावी होंगे तो हाथ धोकर पीछे पड़ जाऊंगा।  बदले की भावना से ही काम करना है तो तुम एक बताओ, हम दस बताएंगे।

सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर हुए घमासान पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘ दुर्भाग्य से एक युवक की जान चली गई। उस गई हुई जान पर आप सियासत करते हो? कितने निचले स्तर पर जाते हो? यह विकृति से भी गंदी राजनीति है। जिसे हम मर्द कहते हैं, वो मर्द की तरह लड़ता है। दुर्भाग्य से एक जान चली गई, उस गई हुई जान पर आप राजनीति करते हो? उस पर अलाव जलाकर आप अपनी रोटियां सेंकते हो?… यह आपकी औकात है?’

अर्नब गोस्वामी  और इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘ये दुखदायी है। महाराष्ट्र में मराठी माणुस को खड़ा ही नहीं होना चाहिए क्या? उद्योग-व्यापार नहीं करना चाहिए क्या? बाहरी आएंगे, उसे फंसाएंगे, उसके सीने पर नाचेंगे और इन दुष्कृत्यों के कारण यदि किसी ने आत्महत्या कर ली और आत्महत्या करते समय उसने जो सुसाइड नोट लिखा। उसमें जिनका नाम है, उनकी जांच न करना, उसे दबा देना और फिर बाहर निकाली गई तो उसकी तरफ से बोलनेवालों के पीछे आप ईडी लगा देते हो। मतलब मराठी माणुस को महाराष्ट्र में गाड़ कर उसके ऊपर आप नाचोगे? और वह हम खुली आंखों से सहन करेंगे? यह नहीं होगा।’