दो महीने से ज्यादा का एडवांस किराया नहीं लिया जाएगा ; नए घरभाड़ा कानून में घर मालिक-किरायेदार के हितों का रखा गया ख्याल 

 

नई दिल्ली, 4 जून : केंद्र सरकार दवारा बुधवार को मंजूर किये गए आदर्श घर भाड़ा कानून (मॉडेल टेनेन्सी एक्ट ) में घर मालिक और किरायेदार के हितों का ध्यान रखा गया है।  किरायेदारों से होने वाले विवाद को खत्म करने के लिए कोर्ट या ट्रिब्यूनल स्थापित करने का प्रस्ताव है।

नए कानून के अनुसार किरायेदारों से घर  मालिक दो महीने से ज्यादा एडवांस नहीं ले सकते है।  किराया बकाया हो या किरायेदार घर नहीं छोड़ रहा हो तो ऐसी स्थिति में दो से चार गुना किराया घर मालिक वसूल सकता है।  सरकार को लगता है कि इससे किराये में तेज़ी आएगी।  केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।  इस बैठक में मंजूर किये गए आदर्श घर भाड़ा कानून सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में भेजा जाएगा।  राज्य अपनी सुविधा के अनुसार इस कानून में बदलाव करेगी।  2019 में सरकार ने पहली बार इस अधिनियम का मसौदा जारी किया था।

रेंटल हाउसिंग मार्केट में आएगी तेज़ी 
इस कानून से घरों की जानकारी उपलब्ध होने में मदद मिलेगी।  पुरे देश में रेंटल हाउसिंग मार्केट में तेज़ी लाने के उद्देश्य से यह कानून लाया गया है।  किराये की शर्तें लागू करने का अधिक अधिकार इस कानून के जरिये घर मालिकों को दिया गया है।  अगर किरायेदार घर नहीं छोड़ता है तो मालिक शुरुआत में उससे दो महीने और फिर चार गुना किराया वसूल कर सकता है।  घर किराये पर देने में प्राइवेट क्षेत्र के लोगों की सहभागिता बढ़ेगी। इससे घर की कमी दूर होगी।  इस कामकाज में संगठित क्षेत्र भी भाग ले सकते है।  जमीन को किराये पर देने का अधिकार देने वाला नया कानून है।

रिपेरिंग के कार्यों के लिए 24 घंटे पहले बताना होगा।  घर मालिक को किरायेदार कितना एडवांस देंगे इस पर विवाद होता रहता है। नए कानून के अनुसार आवासीय घर के लिए दो और गैर आवासीय बिल्डिंग के लिए 6 महीने तक का एडवांस लिया जा सकता है।  मुंबई, बेंगलुरु में हर महीने का किराया 6 गुना जबकि दिल्ली में दो से तीन गुना रहेगा।  घर मालिक पानी व बिजली सप्लाई नहीं काट सकते है. घर में कोई रिपेरिंग कराना है तो किरायेदार को 24 घंटे पहले इसकी जानकारी देनी होगी।