सैनिक बदलती टेक्नोलॉजी को स्वीकार करेंः लेफ्टि. जनरल एस.के. सैनी 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – टेक्नोलॉजी दिन-ब-दिन बदल रही है और हम इसके बदलाव की दुनिया में हैं. सेना को भी टेक्नोलॉजी के साथ अपना तालमेल बैठा लेने आना चाहिए. इसके लिए सैनिकों को बदलती प्रौद्योगिकी आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि आने वाले दौर के युद्ध उन्नत टेक्नोलॉजी पर निर्भर होंगे. युद्ध के लिए टेक्नोलॉजी, टैक्टिक्स (व्यूह-कौशल), स्टाफ का कर्तव्य तथा संयुक्त अभ्यास महत्वपूर्ण होता है. यह राय सदर्न कमांड के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एस.के. सैनी ने व्यक्त की. मिलिटरी इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मिलिट) में शुक्रवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में वे बोल रहे थे.

विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया

इस मौके पर मिलिटरी के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल विवेक राजहंस व तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मोजूद थे. इस दौरान सैनी के हाथों डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. समारोह में मेजर सौरभ गुप्ता (थलसेना), कमांडर रितेश वाही (नौसेना), कमांडर अर्णव पाल आदि को भी कमांडेंट ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया. स्क्वाड्रन लीडर अंकित पारिख को पर्पल ट्रॉफी से अलंकृत किया गया. इस बीच जनरल सैनी के करकमलों से मिलिट की वार्षिक संस्मारिका ङ्गघोरपड़फ का विमोचन भी किया गया.गिरिनगर स्थित मिलिट थलसेना, नौसेना व वायुसेना से संबंधित ट्राई सर्विस टेक्निकल इन्स्टिट्यूट के तौर पर कार्यरत है. इस समारोह में 146 भारतीय अफसरों व 6 विदेशी अधिकारियों को भी डिग्री प्रदान की गई.