पुणे के 48% पुरुषों और 53% स्त्रियों के फेफड़ों में असामान्यता

तंबाकू सेवन के कारण हो सकते हैं कोविड-19 के गंभीर नतीजे; इंडस हेल्थ प्लस रिपोर्ट
संवाददाता, पुणे। तंबाकू का सेवन दुनिया भर में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का प्रमुख कारण है। सीडीसी और डब्ल्यूएचओ ने धूम्रपान को कोरोना बीमारी के गंभीर प्रभावों से जोड़ा है। हाल ही में निवारक स्वास्थ्य जांच में अग्रणी, इंडस हेल्थ प्लस की ओर से जारी अप्रैल 2018 से जनवरी 2021 तक की असामान्यता रिपोर्ट से पता चला है कि महाराष्ट्र में फेफड़ों की कार्यप्रणाली में असामान्यता का अनुपात पुरुषों में लगभग 38% और स्त्रियों में 42% था। पुणे में यह अनुपात पुरुषों में 48% पुरुषों और स्त्रियों में 53% था। रिपोर्ट से यह पता चलता है कि महिलाओं में असामान्यता अनुपात में वृद्धि तंबाकू सेवन और धूम्रपान के बढ़ते प्रचलन के कारण है । इसके अलावा अप्रत्यक्ष धूम्रपान (धूम्रपान करने वालों के बीच रहना) भी इसका एक प्रमुख कारण है।  इस अध्ययन में कुल 29,548 लोगों ने भाग लिया था जिनमें से 4124 लोग पुणे के थे।
इंडस हेल्थ प्लस में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट अमोल नायकावाड़ी ने कहा कि, “फेफड़ों की कार्यप्रणाली में पहले से खराबी होने के साथ धूम्रपान करने से मरीज की हालत और बिगड़ सकती है। इसके अलावा कोरोना महामारी की मौजूदा हालात में स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। बीमारी से ठीक होने में काफी समय लग सकता है। इस समय लोगों को जीवनशैली में बदलाव किए बिना और अपनी अच्छी सेहत और खुद तथा परिवार को ठीक रखने  के लिए काफी गंभीरता से सुरक्षात्मक कदम उठाने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि, “तंबाकू के किसी भी रूप से सेवन से कोरोना बीमारी के गंभीर लक्षणों के उभरने का खतरा रहता है। इससे दूसरी बीमारियों, जैसे कि सीओपीडी, मस्तिष्क आघात, हृदय आघात, दमा, फेफड़ों का कैंसर, मध्य फेफड़ा रोग (एक प्रकार का श्वसन रोग) डायबिटीज का ख़तरा भी बढ़ जाता है। नौजवान अक्सर अपने दोस्तों के दबाव में आकर, स्टाइल दिखाने के लिए या तनाव के कारण सिगरेट या तम्बाकू का सेवन करने लगते हैं। मजबूत इच्छा शक्ति,  मेडिकल काउंसलिंग और ओरल मेडिकेशन से तंबाकू की लत को दूर करने में मदद मिलती है।”
तंबाकू या सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों में मुंह से वायरस का संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। अगर सिगरेट पीने वाले लोग कोरोना वायरस की चपेट में आते है तो उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है क्योंकि उनके फेफड़ों की हालत पहले से ही खराब होती है। इसके अलावा सिगरेट पीने के मनोवैज्ञानिक और आर्थिक नुकसान भी काफी है। इसलिए किसी भी तरीके से तंबाकू के सेवन की आदत को छोड़ने से विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने का ख़तरा काफी कम हो जाएगा। इससे उनकी सेहत चुस्त-दुरुस्त रह सकेगी और वे बेहतर जिंदगी जी सकेंगे।