आयुर्वेद में असाध्य रोगों का इलाज करने की क्षमता

पुणे : समाचार ऑनलाइन – आयुर्वेद भारत की पांच हजार साल की आरोग्य परंपरा है। आयुर्वेद के जरिये बहुत सारे असाध्य रोग जो कई सालों से लोगों को ग्रस्त रखा है जिसे आधुनिक मेडिसिन भी ठीक नहीं कर पाता है उसे आयुर्वेद द्वारा ठीक किया जा सकता है। भारत में आयुर्वेद को प्रोत्साहन देना चाहिए, ऐसा पुणे के मेयर मुक्ता टिलक ने कहा है।

ऍलोपॅथिक डॉक्टर गौरी अभ्यंकर-कर्वे इनके संकल्प से एरंडवणे में साकार हुए ‘आयुर्ब्लीस’ इस आयुर्वेद और पंचकर्म केंद्र के उद्घाटन के समय मुक्ता तिलक मौजूद थी। उनके साथ ही स्थानिक नगरसेविका माधुरी सहस्रबुद्धे, डॉ. गौरी अभ्यंकर-कर्वे, शारंगधर फार्मा के संचालक और सनदी लेखापाल मुकुंद अभ्यंकर आदी लोग उपस्थित थे।

इस दौरान मुक्ता तिलक ने कहा कि ऍलोपॅथी और आयुर्वेद का संगम हो रहा है यह खुशी की बात है। आज बहुत सारे ऐसे बीमारी सामने आ रहे है जिसके इलाज के लिए गरीबों के पास पैसे नहीं होते, क्योंकि बड़े- बड़े अस्पताल में डॉक्टर का फीस व अस्पताल के चार्जेज बहुत ज्यादा होते है। जो सबके लिए संभव नहीं हो पाते है। लेकिन आयुर्वेद हमारे देश के लिए बड़ा तोहफा है। इससे हर व्यक्ती को फायदा हो सकता है। आगे उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, इनोव्हेशन काल में डॉ. गौरी की सुरुवात सम्मान करने के लायक है।

इस दौरान माधुरी सहस्रबुद्धे ने कहा कि हमारा आरोग्य अंतर्बाह्य सुंदर रखने का काम आयुर्वेद करता है। आयुर्वेद भारत सहित दुनिया के लिए एक बड़ा तोहफा है। इसका इस्तेमाल हम सभी को करना चाहिए। डॉ. गौरी अभ्यंकर-कर्वे ने कहा कि रुग्ण के प्रकृती का अभ्यास करके आधुनिक और पारंपरिक उपचारपद्धती से समतोल रखकर उपचार किया जायेगा ,योग ,आहार नियोजन, और आयुर्वेदिक उपचार आधुनिक पद्धती को प्रोत्साहन देना का हमारा प्रयास है।