गृहमंत्री अमित शाह को कोर्ट में पेश होने का आदेश, जानें आखिर मामला क्या है? 

कोलकाता. ऑनलाइन टीम : पश्चिम बंगाल की राजनीतिक लड़ाई में अब हर विधा अपने चरम पर है। साम-दाम-दंड-भेद अपनाए जा रहे हैं। मकसद एक, साख बरकरार रहे। तृणमूल कांग्रेस जनाधार खोना नहीं चाहती और भारतीय जनता पार्टी उसे शीर्ष पर रहने नहीं देना चाहती। तृणमूल कांग्रेस अपने खेमे में मची भगदड़ के बावजूद ‘बाहरी’ भाजपा पर हमलावर है। योद्धाओं की ओर से तरह-तरह के मारक क्षमता वाले ‘अस्त्र-शस्त्रों’ का अनुसंधान हो रहा है। ताजा प्रहार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने किया है। उन्होंने इसके लिए कानून का सहारा लिया है। उन्होंने मानहानि केस दायर किया है।

अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु ने यह दावा किया है कि अमित शाह ने कोलकाता में बीजेपी की एक रैली के दौरान टीएमसी सांसद के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे। फरियाद एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में की गई है। लिहाजा, कोर्ट के स्पेशल जज ने अमित शाह को निर्देश दिया है कि वह 22 फरवरी की सुबह 10 बजे तक व्यक्तिगत तौर पर या वकील के जरिए पेश हों। जज ने निर्देश दिया है कि शाह की उपस्थिति खुद या वकील के जरिए जरूरी है, ताकि आईपीसी की धारा 500 के तहत दायर मानहानि केस में जवाब दिया जा सके।

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत समूचा बीजेपी नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर हमलावर है। इस चुनाव में अभिषेक बनर्जी के लिए ‘तोलाबाज भाइपो’ यानी ‘वसूलीबाज भतीजे’ जैसे संबोधन का भी इस्तेमाल किया गया है। अमित शाह से पहले अभिषेक बनर्जी बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ भी मानहानि का मुकदमा कर चुके हैं। हालांकि अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर अभिषेक बनर्जी कई मौकों पर सफाई देते रहे हैं। पिछले महीने दक्षिणी दिनाजपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए अभिषेक ने कहा, ‘अगर यह साबित हो जाता है कि मैं वसूलीबाज भतीजा हूं, तो मुझे फांसी के तख्ते तक ले चलो मैं खुद फांसी लगा लूंगा। आपको ईडी और सीबीआई की भी जरूरत नहीं है।’