होने वाला है बड़ा बदलाव…1 अप्रैल से 5 घंटे काम, बढ़ेगा पीएफ पर हाथ में वेतन कम आएगा

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : केंद्र सरकार 1 अप्रैल से नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़े बदलाव करने जा रही है। सबसे बड़ी बात है कि बदलाव के इस बयार को लेकर संशय बरकरार है। जैसे कहा जा रहा है कि नौकरी करने वालों की ग्रेच्युटी, पीएफ और काम करने के घंटों में बड़ा बदलाव किया जा सकता है।

माना भी जा रहा है कि कर्मचारियों के पीएफ में एक ओर जहां इजाफा हो सकता है, मगर सरकारी कर्मचारियों तक तो यह ठीक है, क्योंकि उनका संगठन सरकार को हक मारने से रोकता है, पर निजी कंपनियों में कोई संगठन नहीं, प्रबंधन रहने भी नहीं देता और गलती से दिखावे को लिए अगर कहीं कोई है भी तो वह बंद कमरे में अपने हिस्से की तलाश कर खामोश हो जाता है। इसलिए ईमानदारी से वहां नियमों का लागू होना संदेहास्पद ही लगता है। ऐसे में वहां कर्मचारियों का शोषण ही होगा।

दरअसल, पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) की वजह से ये बदलाव हो सकते हैं। इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है।

-सरकार के प्लान के मुताबिक, 1 अप्रैल से मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) कुल सैलरी का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए।

-इस बदलाव के बाद ज्यादातर लोगों का सैलरी स्ट्रक्चर चेंज हो सकता है। बता दें मूल वेतन बढ़ने से आपके पीएफ में भी इजाफा होगा, क्योंकि ये आपकी बेसिक सैलरी पर आधारित होता है।

-अधिकतम काम करने के घंटों को बढ़ाकर 12 करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा 15 से 30 मिनट तक एक्सट्रा काम करने को भी ओवरटाइम में शामिल किया जाने का प्रावधान है।

– 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने पर प्रतिबंध किया जाएगा। सरकार का मानना है कि कर्मचारियों को 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए।
-पीएफ की राशि बढ़ जाने से रिटायरमेंट की राशि में भी इजाफा होगा। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी, क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा।