चीन और पाकिस्तान से सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने वायुसेना के लिए 48 हजार करोड़ रुपये में 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है।
सीसीएस ने भारतीय वायुसेना के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) 1ए तेजस फाइटर जेट खरीद के लिए मंजूरी दी है।
सीसीएस ने एलसीए तेजस के बेड़े को मजबूत करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम चेंजर होगा।
एलसीए-तेजस आने वाले वर्षो में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनने जा रहा है। एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिनमें से कई का भारत में कभी प्रयास नहीं किया गया था। एलसीए-तेजस की स्वदेशी सामग्री एमके 1ए संस्करण में फिलहाल 50 प्रतिशत है, जिसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को स्वदेशी तौर पर एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के तहत डिजाइन किया गया है और इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से निर्मित किया गया है।
एचएएल ने अपनी सेकंड लाइन मैन्यूफैक्च रिंग सेट अप की शुरुआत नासिक और बेंगलुरू डिविजन में शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्री ने कहा, आज लिए गए निर्णय से मौजूदा एलसीए पारिस्थितिकी तंत्र का काफी विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के लिए ये कदम काफी अच्छा है। भारतीय वायुसेना में 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। एक स्क्वॉड्रन में कम से कम 18 फाइटर जेट होते हैं। भारत के पास अभी केवल 30 स्क्वॉड्रन है। एचएएल से 83 तेजस मिलने के बाद तीन से चार स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा।
वहीं मौजूदा समय भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों तरफ से खतरा है। इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए और भी फाइटर जेट खरीदने की जरूरत है, ताकि समय रहते स्क्वॉड्रन की कमी को पूरी की जा सके।
बता दें कि पिछले साल मार्च महीने में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1ए वर्जन तेजस विमान की खरीदारी की बात पर मुहर लगाई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने इस सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है।
–आईएएनएस
एकेके/एसजीके