बच्चों से दुलार नहीं उनकी जान से खिलवाड़, टेस्टिंग में फेल हुए 67 परसेंट खिलौने, इन बीमारियों का खतरा

समाचार ऑनलाइन- आप अपने बच्चों को बड़े प्यार से जो खिलौने दिलाते हैं, वह उनके लिए कितना बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं, इस बात का शायद आपको अंदाजा नहीं हैं. इसलिए हम आज इस खबर के माध्यम से बता दें कि ऐसे कई खिलौने हैं, जिनमें इस्तेमाल हुआ प्लास्टिक, केमिकल, पैथालेट्स आदि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. इस बात को हाल ही में टेस्टिंग सर्वे क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) ने भी स्पष्ट कर दिया है.

बता दें कि QCI ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि करीब 67 परसेंट खिलौने टेस्टिंग के दौरान फेल हो गए. अर्थात इनमें ऐसा कुछ हानिकारक पदार्थ पाया गया जो तय मापदन्डों के अनुसार नहीं था और जिससे बच्चों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

QC ने इसके लिए एक सर्वे किया था, जिसके लिए दिल्ली और एनसीआर स्थित मार्केट से टेस्टिंग के लिए खिलौने लिए थे. अलग-अलग वेरायटी के 121 सैंपलों की लैब टेस्टिंग की गई थी और भारतीय मानकों के अनुसार जांचा भी गया था. इसके बाद कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं, जिन्हें जानकर आप अगली बार अपने बच्चे को खिलौना दिलाने से पहले 10 बार सोंचेंगे.

सर्वे में पता चला कि इनमें से 30 परसेंट प्लास्टिक खिलौने सेफ्टी मानक को पूरा नहीं कर पाए, इनमें से कुछ में हैवी मेटल की मात्रा अधिक पाई गई; जबकि 80 परसेंट प्लास्टिक के खिलौने मैकेनिकल और फिजिकल सेफ्टी के मामले में फेल साबित हुए.

वहीं सुरक्षित समझे वाले सॉफ्ट टॉय के करीब 45 % सैम्पल फेल हुए, क्योंकि इनमें हानिकारक  पैथालेट्स की मात्रा अधिक पाई गई. इसके अलावा इलेक्ट्रिक खिलौनों के भी 75% खिलौने असुरक्षित पाए गए.

‘इन’ देशों से आयत होते हैं खिलौने

अगर आपको नहीं मालूम हो तो बता दें कि भारत में सबसे अधिक अर्थात 85 % खिलौनों का आयात चाइना, श्रीलंका, मलेशिया, जर्मनी, हांकगांक और यूएसए से होता है.

कैंसर का खतरा

क्यूसीआई के सेक्रेटरी जनरल आरपी सिंह ने बताया कि, मैकेनिकल टेस्टिंग में फेल हुए खिलौनों से बच्चों की त्वचा खराब हो सकते हैं. अगर खिलौनों में किसी भी तरह का केमिकल इस्तेमाल किया गया है तो ऐसे खिलौने कैंसर कारक हो सकते हैं.

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