बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 59 वीं छ:माही बैठक सम्पन्न

पुणे। संवाददाता बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पुणे की 59वीं बैठक दिनांक 27 दिसम्बर को होटल दि एम्‍बेसेडर, पुणे में संपन्न हुई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित की गई इस बैठक की अध्यक्षता बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पुणे शहर के अंचल प्रबंधक, महाप्रबंधक एवं समिति के अध्यक्ष प्रशांत खटावकर ने की। इस बैठक में पुणे स्थित सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों व वित्तीय संस्थानों के उच्च कार्यपालकों, राजभाषा अधिकारियों एवं संपर्क राजभाषा अधिकारियों ने भाग लिया ।
इस अवसर पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, मुंबई की उप निदेशक(कार्यान्वयन) डॉ. सुस्मिता भट्टाचार्य, हिन्दी शिक्षण योजना, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, पुणे के सहायक निदेशक(टंकण एवं आशुलिपि) राजेंद्र प्रसाद वर्मा एवं सहायक निदेशक़ (राजभाषा) डॉ. राकेश कुमार ने विशेष अतिथि की भूमिका निभाई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र, प्रधान कार्यालय के सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) डॉ. राजेन्द्र श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे ।
बैठक में समिति के सदस्य राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के वर्ष 2019-20 की प्रथम छ:माही के राजभाषा कार्यों की समीक्षा की गई एवं आगामी योजनाओं और कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस उपलक्ष्य में मुख्य अतिथि एवं मंचासीन प्राधिकारियों के हाथों बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पुणे की ग्रहपत्रिका “शिलालेख” के वर्ष 2019-20 के अंक का विमोचन किया गया। नाबार्ड, पुणे के महाप्रबंधक एल. एल. रावल ने स्वागत भाषण निवेदित किया। बैंक नराकास समिति के सदस्य सचिव एवं वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) राज सेठी ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक की प्रस्तावना प्रस्तुत की ।
डॉ. भट्टाचार्य, उप निदेशक(कार्यान्वयन), भारत सरकार ने सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं के हिन्दी कामकाज की समीक्षा की एवं उन्होंने कहा कि हिंदी का वास्तविक प्रचार-प्रसार उसे आधुनिक तकनीक से जोड़कर और मौलिक कार्य हिंदी में करके ही किया जा सकता है। राजेंद्र वर्मा बैंकों में हिन्दी के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु नराकास पुणे की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया एवं समिति के कार्य की प्रशंसा की एवं सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं के पात्र कर्मचारियों को हिन्दी आशुलिपि, टंकण का प्रशिक्षण दिलाए जाने का अनुरोध किए। डॉ. राकेश कुमार ने हिंदी शिक्षण योजना की विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं की जानकारी दी एवं सभी सदस्य कार्यालयों से इसका लाभ उठाने का अनुरोध किया। डॉ राजेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि यह समिति देश की सर्वाधिक सक्रिय और सर्वोच्च सम्मान प्राप्त समितियों में से एक है। समिति के गठन से अब तक अबाध रूप से समिति की बैठकों का आयोजन किया जाता रहा है। बैंक नराकास, पुणे को राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय का उत्कृष्ट समिति होने का पुरस्कार मिल चुका है।
बैंक नराकास समिति के अध्यक्ष, महाप्रबंधक एवं अंचल प्रबंधक प्रशांत खटावकर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि समिति की यह 59 वीं छ्माही बैठक है, जो विगत 29 ½ वर्षों से समिति के निरंतर सक्रिय रहने की परिचायक है। भारत सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्रचार-प्रसार हिन्दी भाषा में करने से सभी बैंकों को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब भी हम कोई कार्य हृदय से करते हैं तो वह सदैव बड़ा प्रभावशाली और सफल सिद्ध होता है । बैंक नराकास, पुणे की गृहपत्रिका “शिलालेख” सभी सदस्यों को सौंपते हुए उन्होने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। युनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक सूरज कुंभार की ने आभार प्रदर्शन किया। बैठक का सूत्र संचालन समिति सदस्य सचिव एवं पुणे शहर अंचल के वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) राज सेठी ने किया। इस बैठक के सफल आयोजन हेतु पुणे शहर अंचल से अजित टाकलकर, आई जी पाटिल, नवनी, अमोल सूर्यवंशी, धनाजी काले, स्मिता भोई एवं पराग काटे ने अथक परिश्रम किए ।