पुणे के 50 प्रतिशत बच्चों का स्वस्थ ठीक नहीं, फिटनेस में है फिसड्डी

पुणे, 28 जनवरी-स्पोर्ट्स विलेज द्वारा पेश किए गए 10वें वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि देशभर के बच्चे खराब फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हैं. यह राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण 250 शहरों और कस्बों के 364 स्कूलों में किया गया. इनमें 7 से लेकर 17 साल तक की उम्र के
1,49, 833 बच्चे शामिल हुए. पुणे शहर के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले 50 फीसदी बच्चों के डराने वाले नतीजे दिए गए.
वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एएचएस) प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य और फिटनेस स्तर को समझने के लिए 10 साल पहले शुरू किया गया था. सर्वेक्षण के दौरान बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), एरोबिक क्षमता, एनैरोबिक क्षमता, उदर-संबंधी या मूल ताकत,
लचीलापन, शरीर के ऊपर हिस्सों की ताकत और शरीर के निचले हिस्से की ताकत जैसे फिटेनस के विभिन्न मापदंडों पर बच्चों का मूल्यांकन किया गया.
राष्ट्रीय स्तर पर किया गया यह सर्वेक्षण बताता है कि हर 2 में से एक बच्चे का बीएमआई ठीक नहीं है. मजबूत ऐरोबिक क्षमता,
शरीर के ऊपरी हिस्से और शरीर के निचले हिस्से में ऊंचे स्तर की ताकत वाले बच्चों की संख्या भी बहुत कम है. पिछले साल की तुलना में उदर संबंधी ताकत और दौड़ लगाने की क्षमता में बेहतर स्तर वाले बच्चों की संख्या जरूर बढ़ी है.
स्पोर्ट्स विलेज स्कूल्स के सीईओ सौमिल मजुमदार ने बताया कि एएचएस संकेत करता है कि देश में बच्चों का स्वास्थ्य वैसा नहीं है जैसा की उसे होना चाहिए. वैसे यह चिंता का कारण है, लेकिन हमें पता है कि इस समस्या के समाधान के लिए हमें क्या करना है. शारीरिक गतिविधियों वाले काम में कोई बच्चा जितना समय बिताता है, उसके शरीर के ऊपरी हिस्सों की ताकत, बीएमआई और ऐरोबिक क्षमता के फिटनेस मापदंडों से सीधा संबंध होता है