शिवसेना-राष्ट्रवादी का 50-50 तय ? अब सेना और उसके बाद एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा !

नई दिल्ली, 21 नवंबर – राजधानी दिल्ली में बुधवार को कई राजनीतिक घटनाक्रम हुए. इनमे शरद पवार और नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक भी शामिल है. इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के बीच शुरू हुई बैठक का सिलसिला देर रात तक चलता रहा.

आगे भी चर्चा जारी रहेगी
इन दोनों पार्टियों की बैठक और चर्चा का सिलसिला और कई दिनों तक जारी रहने बात नेताओं ने साफ की है।  साथ ही अगले कुछ दिनों तक दोनों पार्टियों के बीच चर्चा जारी रहेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों दलों के नेताओं के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गई है. इसके तहत पहला ढाई साल शिवसेना का जबकि इसके बाद ढाई साल एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा। शिवसेना को मुख्यमंत्री पद दिए जाने पर कांग्रेस को कोई इतराज नहीं है. ऐसे में राज्य में जल्द ही स्थिर सरकार बनने का दावा शिवसेना नेता संजय राऊत ने किया है.
शरद पवार के घर तीन घंटे बैठक हुई 
शरद पवार के घर पर तीन घंटे कांग्रेस और एनसीपी के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के घर जाकर उनसे मुलाक़ात करेंगे। शरद पवार के साथ हुई बैठक के बाद यह जानकारी दी गई. इसके बाद ये नेता फिर से शरद पवार से मिलेंगे। गुरूवार को संजय राऊत शरद पवार से मिलेंगे।
कांग्रेस को अपने इमेज की चिंता 
मुख्यमंत्री पद शिवसेना और राष्ट्रवादी के बीच ढाई-ढाई साल और पुरे पांच साल कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद देने को लेकर सभी पार्टियों में सहमति बन गई है. ऐसे में सत्ता का रास्ता साफ होने के बावजूद आगे की बातचीत पर सबकुछ निर्भर करता है. कांग्रेस सत्ता में शामिल होंगी लेकिन कई शर्ते सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नेताओं को दी है. दो भिन्न विचारधारा की पार्टियां के एक साथ आने पर कांग्रेस को अपने इमेज की भी चिंता है. इसलिए सोनिया गांधी ने अपने नेताओं से साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने की जल्दी में नहीं रहे. हर चीज पर शांतिपूर्वक विचार कर ले.