425 करोड़ के टेंडर में ‘रिंग’ नहीं, उल्टे 30 करोड़ की हुई बचत

पिंपरी :समाविष्ट गांवों में सड़कों के विकास हेतु मंजूर किए गए 425 करोड़ रुपए के टेंडर में रिंग होने का आरोप विपक्षी दलों द्वारा लगाया जा रहा है। इस मामले की सीआईडी जांच कराने की मांग पूर्व नगरसेवक मारूति भापकर ने की है। इस पर पिंपरी चिंचवड़ मनपा के शहर अभियंता ने उन्हें भेजे लिखित जवाब में टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी रहने का दावा किया गया है। वहीं दूसरी ओर मनपा आयुक्त द्वारा 30 करोड़ रुपए की बचत होने का दावा किया गया है। शहर अभियंता के जवाब में इस बचत का कोई उल्लेख नहीं रहने की ओर ध्यानाकर्षित करते हुए भापकर ने जांच की मांग कायम रखी है।

मनपा अधिकारी, पदाधिकारी, ठेकेदार ने आपस में रिंग कर 425 करोड़ रुपए के कामों में 90 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना द्वारा लगाया गया है। पूर्व नगरसेवक भापकर ने इस मामले की सीआईडी जांच की मांग मुख्यमंत्री को भेजे पत्र के जरिए की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह पत्र मनपा प्रशासन को भेजा है। इसके जवाब में शहर अभियंता अंबादास चव्हाण द्वारा भेजे लिखित खत में पूरी टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चलाए जाने का दावा किया है। इन कामों के लिए अलग से सलाहकार नियुक्त कर उनके जरिए सेवा वाहिनी, स्थापत्य, बिजली, जलापूर्ति, जलनि:सारण संबंधी कामों के अलग बजट तैयार किए गए, इनके लिए दोबारा खर्च नहीं करना पड़ेगा, खुदाई नहीं करनी होगी, इसका ध्यान रखा गया है।

इस काम की टेंडर प्रक्रिया एक जुलाई 2017 से पहले शुरु की गई थी और इस तारीख के बाद जीएसटी लागू किया गया है। इसके अन ुसार ही टेंडर मिले हैं, जिनके दर सितंबर 2017 में लागू एसएसआर की तुलना से ज्यादा नहीं हैं। उल्टे स्वीकृति योग्य दर से कम रहने का दावा किया गया है। इसमें कहीं भी 30 करोड़ रुपए की बचत का कोई उल्लेख नजर नहीं आता। इस ओर ध्यानाकर्षित करते हुए भापकर ने सवाल उठाया है कि, मनपा आयुक्त श्रावण हार्डीकर ने किस आधार पर 30 करोड़ की बचत होने का दावा किया है। प्रशासन के जवाब में विसंगतियां मिलने से आयुक्त की भूमिका पर संदेह निर्माण हो रहा है। इस पूरे गोलमाल में पदाधिकारी, अधिकारी, ठेकेदार के साथ ही आयुक्त व शहर अभियंता भी शामिल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस मामले की जांच सीआईडी या रिटायर्ड जज या पीएमपीएमएल के अध्यक्ष तुकाराम मुंढे के जरिए कराने की मांग की है।