राष्ट्रवादी के विधायक समेत 4 आरोपी 6 मार्च तक पुलिस कस्टडी में

पुणे : समाचार ऑनलाइन – शिवाजीराव सहकारी बैंक में कथित 71 करोड़ 78 लाख 87 हजार रुपए के घोटाले के मामले में महाराष्ट्र विधानपरिषद में पुणे से राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अनिल भोसले समेत दो निदेशक और बैंक के दो अधिकारियों को 6 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। इस घोटाले की जांच कर रही पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने विधायक भोसले व उनकी पत्नी नगरसेविका रेशमा भोसले सहित बैंक के निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर आपस में मिलीभगत से बैंक के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर बैंक के 71 करोड़ 78 लाख 87 हजार रुपए का गबन करने का आरोप है।
कौन कौन हैं आरोपी
अनिल शिवजीराव भोसले (55, निवासी बाणेर रोड, पुणे), सुर्याजी पांडुरंग जाधव (69, निवासी कमला नेहरु पार्क,पुणे), तानाजी दत्तु पडवल (50, निवासी तापकीरनगर, कालेवाडी, पुणे), शैलेश संपतराव भोसले  (47, निवासी नीलज्योति सोसाईटी, गोखलेनगर, पुणे) ऐसे पुलिस कस्टडी में भेजे गए आरोपियों के नाम हैं। उनके खिलाफ सहकारिता विभाग के लेखापरीक्षक योगेश लकडे (39, निवासी आंबेगांव, नऱ्हे रोड, पुणे) ने शिवाजीनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के अनुसार पुलिस ने बैंक के निदेशक रहे विधायक अनिल भोसले, उनकी पत्नी और पुणे मनपा की नगरसेविका रेशमा भोसले समेत बैंक निदेशक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
क्या हुआ अदालत में
मंगलवार की रात बैंक के निदेशक रहे विधायक अनिल भोसले, एस वी जाधव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी तानाजी पडवल और बैंक अधिकारी शैलेश भोसले को आर्थिक अपराध शाखा की टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को चारों आरोपियों को विशेष न्यायाधिश ए. एस. गोसावी की अदालत में पेश किया गया। अतिरिक्त सरकारी वकील विलास पठारे ने अदालत से उनके लिए पुलिस कस्टडी की मांग करते हुए बताया कि, आरोपियों से गबन की राशि के बारे में जांच करनी है। उनके बैंक एकाउंट, चल- अचल संपत्ति के साथ गबन की गई राशि के इस्तेमाल आदि की जांच करनी है। इसके अलावा उनसे गबन मामले के कागजात हासिल करने के लिए पुलिस कस्टडी दी जाय। आरोपियों की तरफ से एड एस. के. जैन, एड हर्षद निंबालकर, एड बिपीन पाटोले, एड ऋषिकेश गाणू और एड यशपाल पुरोहित ने कस्टडी का विरोध करते हुए दलील दी कि गिरफ्तार किए गए सभी मुवक्किल पुलिस को जांच में सहयोग दे रहे हैं। पुलिस ने पहले ही सारे कागजात जब्त कर लिए हैं। हालांकि विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों को 6 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शिवाजीराव सहकारी बैंक के 2018-2019 इस वित्त वर्ष के कामकाज का ऑडिट करने का आदेश दिया है। इसके अनुसार सहकार विभाग ने लेखापरीक्षक योगेश लकड़े को ऑडिट करने का आदेश दिया था। जब ऑडिट का कामकाज पूरा हुआ तब बैंक की शेष नकद बैलेंस में 71 करोड़ 78 लाख 87 हजार 723 रुपए कम पाए गए। बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर बैंक के पैसे इस्तेमाल किये जाने की बात साबित हुई। बैंक के पैसों का गबन करने को लेकर निदेशक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके बाद विधायक भोसले समेत कुल चार गिरफ्तारियां की गई। इस गिरफ्तारी के बाद पुणे के सियासी और सहकारिता क्षेत्र में खलबली मच गई है।