देश की ‘इन’ चार VVIP राजनैतिक हस्तियों की सुरक्षा में तैनात हैं 3 हजार SPG फोर्स

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन–  हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन फॉर्स (SPG) को हटा लिया गया है. सरकार ने अब उनकी सुरक्षा में देश की अन्य सुरक्षा व्यवस्था ‘Z प्लस’ सिक्योरिटी को तैनात होने का आदेश दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं यह SPG सिक्योरिटी वर्तमान प्रधानमन्त्री मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की दी जाती है. आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि, फिलहाल देश की चार राजनैतिक हस्तियों की सुरक्षा में 50-100 नहीं बल्कि 3 हजार “Ziro-Error” SPG फोर्स इनकी सुरक्षा में तैनात हैं. हाल ही में SPG अधिकारीयों द्वारा इस बात का खुलासा किया गया है.

देश की 4 हस्तियों की सुरक्षा में तैनात हैं 3 हजार SPG फोर्स

एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि,  “SPG के 3 हजार स्ट्रांग कमांडों फिलहाल सिर्फ चार व्यक्तियों को हर पल की सुरक्षा प्रदान कर रहा है. इन चार हस्तियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दो बच्चे – राहुल और प्रियंका शामिल हैं.”

सरकार ने सोमवार को पुष्टि की कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है, अब उन्हें सीएपीएफ में से एक ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा कवर प्रदान की जाएगी.

आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं कमांडों

SPG में तैनात सुरक्षा बल को विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) से चुना जाता है. इसके कमांडो हायली ट्रेंड होते हैं. ये आधुनिक हथियार, गैजेट्स और वाहनों से लैस होते हैं. इन्हें हर तरह की  कठिन-से-कठिन ट्रेनिंग दी जाती है.

इसके अलावा ये कमांडो अल्ट्रा-मॉडर्न असॉल्ट राइफल्स,  डार्क-विज़र गॉगल्स,  कम्यूनिकेशन ईयरपीस, बुलेटप्रूफ वेस्ट,  दस्ताने और कोहनी और घुटने के पैड से लैस होते हैं.

स्निपर, स्पॉटर और बम निरोधक विशेषज्ञों सहित SPG टीमों को वीवीआईपी को अनुमानित सुरक्षा प्रदान करने और उनकी छाया की तरह उनके साथ चलने के लिए जाना जाता है.

इस सुरक्षा एजेंसी के एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि, SPG कमांडों एक स्पेशल ‘ब्लू बुक’ का अनुसरण करते हैं, जिन पर अम्ल कर के यह सुरक्षा प्रदान करने हैं हालाँकि इस बुक में क्या लिखा है, इसे गुप्त रखा जाता है.

Zero मिस्टेक की भी गुंजाईश नहीं

इस सुरक्षा एजेंसी के पास ZERO मिस्टेक की गुंजाईश भी नहीं होती है अर्थात इनके सुरक्षा घेरे में चिड़िया भी अपना पर नहीं मार सकती. VVIP की सुरक्षा को लेकर इनके कुछ खास प्रोटोकाल होता हैं. अर्थात किसी VVIP के किसी दौरे के पहले अधिकारी पहले ही इवेंट स्थल पर जाते हैं और वीवीआईपी के आगमन से लगभग 24 घंटे पहले जगह का अच्छी तरह से मुआयना करते हैं. यह करने के लिए इनके पास एक अग्रिम सुरक्षा संपर्क प्रोटोकॉल होता है. इतना ही नहीं वे कार्यक्रम स्थल पर किसी भी बदलाव या संशोधन को निर्देशित करने का अधिकार भी रखते हैं. किसी भी राजनीतिक रैली या समारोह में VVIP की सुरक्षा करना इनका मुख्य उद्देश्य होता है.

वाहनों के काफिले में शामिल हैं अत्याधुनिक उपकरणों से लैस बुलेटप्रूफ गाड़ियाँ

एसपीजी के पास आधुनिक वाहनों का एक बेड़ा है, उनमें से ज्यादातर बख्तरबंद या बुलेट-प्रूफ हैं. इनमें बख़्तरबंद BMW 7 सीरिज सेडान,  बख़्तरबंद रेंज रोवर्स, बीएमडब्ल्यू, टोयोटा और टाटा की एसयूवी शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि, VVIP हस्तियों के देश व विदेशी दौरों के समय भी यह एजेंसी भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमानों का भी उपयोग करता है, जिसमें हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं.

इंदिरा गाँधी की मौत के बाद हुई थी SPG की स्थापना

गौरतलब है कि SPG एजेंसी की स्थापना 1985 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी. संसद ने 1988 में एसपीजी अधिनियम पारित किया था. इसके अंतर्गत SPG ग्रुप देश के वर्तमान प्रधानमन्त्री सहित पूर्व प्रधानमंत्री की रक्षा के लिए समर्पित किया गया.

हालाँकि बाद में, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया.