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साल 2016 में शिशु मृत्यु की संख्या 8.67 लाख से घटकर 2017 में 8.02 लाख पर पहुंच गया है। अगर लिंग विशेष की बात करे तो पिछले 5 सालों में प्रति 1000 बच्चों में से 39 मेल चाइल्ड ही जीवित बच पते है तो वहीं प्रति 1000 बच्चों में 40 फीमेल चाइल्ड जीवित रहते है। यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि यास्मीन अली हक ने कहा कि, पोषण अभियान और भारत को खुले शौच से मुक्त करने के लिए कदम उठाए जाने के बाद इन आकड़ो में सुधार होने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जारी किए गए नए मृत्यु दर के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में 15 वर्ष से कम उम्र के 6.3 मिलियन बच्चे की मृत्यु हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में नवजात शिशु की मौत सबसे अधिक होती है, इसके बाद नाइजीरिया 4,66,000, पाकिस्तान 3,30,000 और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य 2,33,000 (डीआरसी) है।
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