29वां वानशो मंच पेइचिंग में आयोजित

बीजिंग, 26 जून (आईएएनएस)| ‘विश्व की परिवर्तन स्थिति और शी चिनफिंग की राजनयिक सोच’ थीम वाला 29वां वानशो मंच 25 जून को पेइचिंग में आयोजित हुआ। 20 देशों से आए राजनीतिक पार्टियों और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों व विद्वानों ने इसमें भाग लिया। मौजूदा मंच में अतिथियों ने ‘विश्व की परिवर्तन स्थिति और सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान व आपसी सीख’, ‘शी चिनफिंग की राजनयिक सोच और मानव जाति के साझे भाग्य समुदाय’ और ‘शी चिनफिंग की राजनयिक सोच और चीनी सार्वजनिक कूटनीतिक अभ्यास’ आदि विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया और अहम आम सहमतियां प्राप्त कीं।

ब्रिटिश लेबर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति की सदस्य सराह मई ली ओवेन ने कहा, “वर्तमान में ब्रिटेन को ब्रेक्सिट से परेशानी रही है। यह वर्तमान दुनिया में मौजूद अनिश्चितता का प्रतिनिधित्व है। ब्रिटेन के लिए चीन एक शक्तिशाली आर्थिक साझेदार है। चीन से कई क्षेत्रों में ब्रिटेन सीख सकता है और दोनों के बीच सहयोग किया जा सकता है।”

उस दिन आयोजित वानशो वार्तालाप और गोलमेज शाखा मंच जैसी कड़ियों में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने विचारों का आदान-प्रदान कर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और शी चिनफिंग की राजनयिक सोच के प्रति ज्यादा संपूर्ण जानकारी ली।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेशी संपर्क विभाग के उप प्रधान क्वो येचओ ने मंच के समापन समारोह में कहा, “चीन राष्ट्रपति शी चिनफिंग की राजनयिक सोच के मार्गदर्शन पर पहले की ही तरह जिम्मेदाराना बड़े देश की भूमिका निभाता रहेगा। विश्व शांति का निर्माता, वैश्विक विकास का योगदानकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय स्थिति का रक्षक बनेगा। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी विभिन्न देशों की पार्टियों के साथ मिलकर आपसी आवाजाही को मजबूत करते हुए पार्टी और देश के शासन वाले अनुभव को साझा करना चाहती है। सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और संवाद करते हुए आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहती है, ताकि मानव जाति के साझे भाग्य समुदाय की स्थापना को समान रूप से आगे बढ़ाया जा सके और ज्यादा सुंदर दुनिया का एक साथ निर्माण किया जा सके।”

(साभार–चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)