पिंपरी चिंचवड़ शहर में 2240 स्पीडब्रेकर अवैध!

पिंपरी। संवाददाता – पिंपरी चिंचवड़ शहर की आंतरिक और मुख्य सड़कों पर जगह- जगह बने स्पीडब्रेकर के निर्माण के लिए ट्रैफिक विभाग से कोई परमिशन नहीं ली जा रही है। यहां तक इनके निर्माण में भारतीय रोड कांग्रेस (आईआरसी) के मानकों एवं नियमों को भी ताक पर रखा गया है। यह खुलासा करने वाले जागृत नागरिक महासंघ ने एक औऱ चौंकाने वाला खुलासा किया है कि शहर की आंतरिक और मुख्य सड़कों पर कुल 2240 स्पीडब्रेकर अवैध तरीके से बनाये गए हैं।
महासंघ के अध्यक्ष नितिन यादव ने बताया कि, नियमबाह्य तरीके से बनाये गए स्पीडब्रेकर्स की वजह से वाहनचालकों की रीढ़ की हड्डियों, पीठ और कमर दर्द की शिकायतें बढ़ गई हैं। उन्होंने मांग की है कि नियमबाह्य तरीक़े से बनाये गए स्पीडब्रेकर्स तत्काल हटाए जाएं। इस बारे में यादव ने मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि, मनपा के आठ क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर स्थापत्य विभाग के इंजीनियरों व अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से जहां मन किया वहां स्पीडब्रेकर बनाये जा रहे हैं। इनके निर्माण में भारतीय रोड कांग्रेस और ट्रैफिक पुलिस के नियमों और मानकों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया गया है।
यादव का दावा है कि शहर में बने 90 फीसदी स्पीडब्रेकर मानकों और नियमों के अनुसार नहीं हैं। जागृत नागरिक महासंघ ने दो माह तक शहर के स्पीडब्रेकर्स का सर्वे किया। इसमें पता चला है कि केवल राजनेताओं की मांग पर नियमबाह्य तरीके से जहां तहां स्पीडब्रेकर बनाये जा रहे हैं। शहर में बने कुल स्पीडब्रेकर में से 111 स्पीडब्रेकर ट्रैफिक पुलिस की अनुमति लेकर बनाये गए हैं, बाकी सारे स्पीडब्रेकर अवैध हैं। पिंपरी चिंचवड़ शहर पुलिस आयुक्तालय की सीमा में देहू और चाकण में सभी स्पीडब्रेकर नियमबाह्य तरीके से बनाये गए हैं। मनपा के अ, ब, क, ड, इ, फ, ग इन क्षेत्रीय कार्यालय में भारतीय रोड कांग्रेस के मानकों व नियमों के अनुसार 617 स्पीडब्रेकर बनाये गए हैं जबकि 2240 स्पीडब्रेकर उनका उल्लंघन कर बनाये गए हैं। इससे वाहनचालकों में पीठ, कमर दर्द की शिकायतें बढ़ी हैं।