2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.6 फीसदी तक सिकुड़ी : संयुक्त राष्ट्र (लीड-1)

नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2020 में कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते 9.6 प्रतिशत तक संकुचित हुई। जबकि 2021 में यह 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।

सोमवार को जारी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की वल्र्ड इकनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट-2021 में कहा गया है कि कोविड-19 संकट ने विकासशील देशों में श्रम क्षेत्र पर कहर बरपाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के मध्य तक बेरोजगारी दर भारत में रिकॉर्ड 23 प्रतिशत तक बढ़ गई।

कहा गया कि महामारी ने विकसित और विकासशील दोनों देशों में श्रम सेवा क्षेत्रों को काफी प्रभावित किया है। वाणिज्यिक हवाई यात्रा, पर्यटन, खानपान, अवकाश, पर्सनल केयर, खुदरा उद्योग, विनिर्माण, व्यापार और परिवहन, जो आमतौर पर बड़ी संख्या में कम-कुशल श्रमिकों को रोजगार देते हैं, उन्हें सबसे बड़ी नौकरी के नुकसान का सामना करना पड़ा।

इन क्षेत्रों की कई नौकरियों को दूरस्थ तरीके (रिमोटली) से नहीं किया जा सकता था, जिससे लोगों को लंबे समय तक काम नहीं मिल पाया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी ने श्रमप्रधान क्षेत्रों में महिला श्रमशक्ति की भागीदारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक श्रमिक महिलाएं होती हैं।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) की तरफ से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते शताब्दी के सबसे बड़े संकट से प्रभावित हुई। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में 7.3 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।

वहीं 2022 में विकास दर कुछ कम होगी और उस दौरान इसके 5.9 प्रतिशत रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष केवल चीन की ही एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था रही, जिसमें वृद्धि देखी गई। अनुमान व्यक्त किया गया है कि चीनी अर्थव्यवस्था, जिसने पिछले वर्ष 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, वह इस वर्ष बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो सकती है। अगले साल इसमें 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसमें इस साल 4.7 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।

यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के विनाशकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को आने वाले वर्षो में महसूस किया जाएगा।

–आईएएनएस

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