म्यूकर मायकोसिस इंजेक्शन की कालाबाजारी में 2 और अरेस्ट

22 इंजेक्शन बरामद; अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
पिंपरी। म्यूकरमायकोसिस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होनेवाले इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी कर्नाटक के सरकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत रहने की जानकारी मिली है। उसके पास से 22 इंजेक्शन बरामद किए गए जिनकी कीमत करीबन डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है। इस गिरफ्तारी से कालाबाजारी के इस रैकेट में अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय रहने की जानकारी सामने आई है।
इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बताया कि, गिरफ्तार आरोपियों में शरणबसवेश्वर सिद्धेश्वर ढमामे (38, निवासी विजापूर रोड, सोलापुर) और राजशेखर कासाप्पा भजंत्री (33, निवासी गुलबर्गा, कर्नाटक) का समावेश है। इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के एंटी गुंडा स्क्वाड ने 7 जून को 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस बारे में वाकड पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। इन आरोपियों के मोबाइल फोन की तकनीकी जांच में उक्त दो आरोपियों की सहभागिता नजर आने के बाद वाकड पुलिस ने उन्हें सोलापुर और कर्नाटक से गिरफ्तार किया।
गुंडा स्क्वाड द्वारा पहले गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन की वाकड पुलिस द्वारा की गई तकनीकी जांच में शरणबसवेश्वर की सहभागिता नजर आयी। उसे सोलापुर से गिरफ्तार करने के बाद पता चला कि उसे इंजेक्शनों की सप्लाई कर्नाटक के गुलबर्गा से हो रही है। इसके अनुसार वहां जाकर जाल बिछाकर राजशेखर भजंत्री को हिरासत में लिया गया। उसके पास से 84 हजार रुपए के 14 लिपोसोमोल एमफोटेरिसियिन-बी इंजेक्शन और 60 हजार रुपये के 8 एमफोटेरिसियिन बी लिपोसोम इंजेक्शन बरामद किए गए। वह गुलबर्गा इन्स्टिट्युट ऑफ मेडिकल सायन्स नामक सरकारी हॉस्पिटल के कोरोना एवं म्यूकर मायकोसिस विभाग के नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत है। उसके साथ हॉस्पिटल का कोई और भी इस गोरखधंधे में शामिल है क्या, इसकी भी जांच की जा रही है। इन आरोपियों ने सोलापुर में भी कुछ इंजेक्शनों की बिक्री की है।