4 सालों में 1898 करोड़ निवेश और 36 हजार रोजगार निर्मिति

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को पुणे को इंडस्ट्रियल मैग्नेट बताकर यहां सर्वाधिक निवेश और रोजगार निर्मिति होने का दावा किया। उनके इस दावे को झूठा बताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने खुलासा किया कि, खुद सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पुणे में गत चार सालों में मात्र 1898 करोड़ रुपए का निवेश हुआ और 36 हजार रोजगार की निर्मिति हो सकी है।
पिंपरी चिंचवड़ शहर में पधारे चव्हाण ने पिंपरी में संवाददाताओं से की गई बातचीत में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) के पुणे प्रादेशिक विभाग के हवाले से उपरोक्त खुलासा करते हुए सवाल उठाया कि, अगर पुणे में निवेश और रोजगार निर्मिति के उक्त आंकड़े सर्वाधिक होंगे तो पूरे महाराष्ट्र की क्या स्थिति होगी? इस मौके पर कांग्रेस पार्टी की शहर इकाई के अध्यक्ष सचिन साठे, पुणे इकाई के नेता संजय बालगुडे, कराड युवक कांग्रेस इकाई के शिवराज मोरे, भूतपूर्व महापौर कविचन्द भाट, राजेंद्र सिंह वालिया, श्यामला सोनवणे, गौतम आरकडे, मयूर जयसवाल आदि मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने यह भी याद दिलाया कि, मुख्यमंत्री फडणवीस ने घोषणा की थी कि फॉक्सवैगन 35 हजार करोड़ के निवेश से पुणे में आईफोन उत्पादन शुरू करेगी। वहीं जनरल मोटर्स अपना गुजरात का प्लांट बन्द कर पुणे में 6400 करोड़ का निवेश करेगी। इसकी विज्ञापनबाजी भी काफी हुई मगर परोक्ष में क्या हुआ? राज्य में कुल कितना निवेश हुआ, कितने उद्योग शुरू हुए, कितने रोजगार मिले और उनकी मौजूदा हालत क्या है? इन सब सवालों का जवाब देने से मुख्यमंत्री कतराते हैं। खुद मैंने विधिमंडल में, आरटीआई के तहत इसकी जानकारी मांगी थी, मगर पुणे एमआईडीसी को छोड़ कोई जानकारी देने में टालमटोल की गई है।
विदर्भ के विकास के लिए कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस की सरकार ने मिहान प्रोजेक्ट शुरू किया था, उसमें शामिल आठ उद्योगों ने अपने उद्योगों के लिए ली गई जमीनें लौटा दी हैं। वहां कोई उद्योग शुरू करने तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री विकास के किसी भी मुद्दे और मंदी पर बोलने से टालते हैं। सैकड़ों उद्योग बंद हैं, हजारों नौकरियां चली गई, नई नौकरियां मिल नहीं रही। ऑटो सेक्टर की हालत नाजुक है। ऑटो कम्पोनेंट असोसिएशन के अनुसार साढ़े तीन लाख लोगों की नौकरियां गई हैं। 167 कार शोरूम बन्द हो गए, इनमें पुणे के 100 शोरूम शामिल हैं। यही हालात रहे तो 10 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली जाने का खतरा है, यह भय भी उन्होंने जताया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के हवाले से खुलासा किया कि, देशभर की बैंकों में घोटालों का आंकड़ा 73 हजार करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है। बजाय इसके लिए ठोस कदम उठाने के भाजपा सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बैंकों का विलीनीकरण करने पर जोर दे रही है। अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं रहा है। वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन व्यक्ति, ओला-उबर के चलते ऑटो इंडस्ट्री में मंदी छाई है, ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान दे रही हैं। ऐसा है तो जाकर ओला- उबर वालों कह दें कि अपना व्यवसाय बंद कर दे या फिर टाटा, बजाज, महिंद्रा को कह दे कि वे अपने उद्योगों को बन्द कर दें, यह तंज कसते हुए चव्हाण ने सातारा से लोकसभा का उपचुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि वे कराड से विधायक हैं और वहीं से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।