स्टील रॉड के 18 ब्रांड की क्वालिटी घटिया 

पुणे | समाचार ऑनलाइन – पूरे देश में अचानक से इमारतों के ढ़हने की लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि पर कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल की जानेवाली लोहे की सरिया यानी स्टील रॉड की क्वालिटी घटिया दर्जे की रहने की जानकारी सामने आयी है। एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि कुछ कंपनियां सरिया बनाने के लिए घटिया मैटेरियल इस्तेमाल कर रही हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ फिलहाल बाज़ार में बिक रहे ज्यादातर सरियों की क्वालिटी महज़ ख़राब ही नहीं बल्कि घटिया है। देश के 26 बड़े ब्रांड्स में से 18 ब्रांड के सरिए लैब टेस्ट में फेल हो गए हैं।

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बिल्डिंग क्षेत्र की थिंकटैंक फर्स्ट कंस्ट्रक्शन काउंसिल ने सरकारी और निजी दोनों की 26 कंपनियों के नमूनों को टेस्ट के लिए भेजा जिनमें 18 कंपनियों का सरिया खराब पाया गया। कई ब्रांड्स की 8 एमएम, 16 एमएम और 25 एमएम के सरिया में रासायनिक गड़बड़ी थीं। फेल हुए सरियों में फॉस्फोरस और सल्फर की मात्रा ज्यादा थी। ऐसे सरिया सीलन में तेजी से जंग पकड़ता है जिससे बिल्डिंग कमजोर होकर गिर जाती है। इस रिपोर्ट के बाद देश का लगभग 6 खरब रुपयों का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश खतरे में आ गया है।
जांच में पाया गया कि निर्माण लागत कम करने के लिए सरिया कंपनियों ने फॉस्फोरस और सल्फर की मात्राओं में गड़बड़ी की है। जानकारों का मानना है कि लागत कम करने के लिए कंपनियां कबाड़ से भी सरिया बना रही हैं जिसकी वजह से मकान गिरने के हादसे हो रहे हैं। अब थिंकटैंक फर्स्ट कांस्ट्रक्शन काउंसिल इस्पात मंत्रालय से शिकायत कर कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की सिफारिश करेगी। सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि ऐसे कई हजार टन खराब सरिया मॉर्केट में मौजूद हैं, कितनों का इस्तेमाल हो चुका है और अब उसको रोकना बड़ी चुनौती होगी।