कोरोना काल में 1742 बच्चे हुए अनाथ, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

नई दिल्ली: ऑनलाइन टीम- कोरोना ने इस कदर कहर बरपाया कि किसी के घर के एक सदस्य तो किसी का पूरा का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। किसी का बेटा दूर हो गया तो किसी ने माता या पिता को खो दिया। कुछ बच्चो ने तो माता और पिता दोनो को खो दिया है। वे अनाथ हो गये हैं। अब उन बच्चो की देखभाल और पालन पोषण की जिम्मेदारी बहुत बड़ी समस्या है। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चो की जानकारी दी गई। इसके अनुसार मार्च 2020 के बाद देश में कुल 1742 बच्चे अनाथ हो गए हैं।

 सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह पूछा था कि कोरोना काल में कितने बच्चे अनाथ हुए हैं। उसके बाद यह आंकड़ा दिया गया है। NCPCR के अनुसार देश में कोरोना काल में लगभग 7464 बच्चे ऐसे हैं जिन्होने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है। जबकि इसी दौरान 140 बच्चों को ऐसे ही छोड़ दिया गया। आज कोर्ट में इसकी सुनवाई होनी है।

कोरोना के कहर में देश में अलग-अलग हिस्सों में ऐसे कई मामले आए हैं जहाँ किसी छोटे-छोटे बच्चे के मां-बाप कोरोना की भेंट चढ़ गए हैं। ऐसे बच्चो का भविष्य अंधकार में हैं। कई राज्य सरकार व केंद्र सरकार उनकी मदद के लिए आगे आई है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट पर नजर टिकी है कि कोर्ट क्या फैसला सुनाती है।

NCPCR ट्विटर के खिलाफ करा सकता है मामला दर्ज

सोशल मीडिया गाइडलाइंस पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ट्विटर पर अब एक और मामला दर्ज किया जा सकता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल यौन शोषण से जुड़े कुछ लिंक्स के सिलसिले में ट्विटर से जवाब मांगा था, जिससे ट्विटर ने इनकार कर दिया। इसके बाद आयोग ने दिल्ली पुलिस से ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज करने की अपील की है । बाल आयोग ने दिल्ली पुलिस को भेजी अपनी शिकायत में कहा कि ट्विटर पर बाल यौन शोषण के कुछ लिंक मिले हैं। इसके बाद बाल आयोग ने ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।