गोधरा के बाद हुए दंगे के 14 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मिली जमानत, लेकिन नहीं जा सकेंगे गुजरात 

नई दिल्ली, 28 जनवरी –साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के मामले पकडे गए 14 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है. इन सभी को आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इन दोषियों में से कोई भी गुजरात की  सीमा में प्रवेश  नहीं कर सकता है।  कोर्ट ने कहा कि जब तक उन लोगो की अपील पर सुप्रीम कोर्ट आखिरी  फैसला नहीं दे देता है तक तक वे इंदौर और जबलपुर में ही रहेंगे। कोर्ट की ओर से तय की गई अन्य शर्तो  में समाज सेवा करना भी शामिल है.
दोषियों को अलग अलग बेंच में बांटा 
कोर्ट ने दोषियों को दो अलग अलग बेंच में रखा है. एक बेंच को इंदौर और एक बेंच को जबलपुर भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों से कहा है कि जमानत पर रहने  के दौरान वो सामाजिक और धार्मिक काम करेंगे। कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में विभिन्न अधिकारियो से कहा है कि जो जमानत के दौरान दोषियों दवारा आध्यात्मिक और सामाजिक कार्य करने को सुनिश्चित करे.
कोर्ट ने अधिकारियो से उन्हें आजीविका के लिए काम करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने उन्हें राज्य क़ानूनी सेवा प्राधिकरण को अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि जमानत के दौरान उनके आचरण पर भी रिपोर्ट दे. बता कि गोधरा के बाद हुए दंगे में 33 लोगों की जान गई थी.