झारखंड से मसौढ़ी आ रही महारानी बस हादसे में 12 यात्रियों की मौत 

पटना/चौपारण : समाचार ऑनलाईन – चौपारण प्रखंड के जीटी रोड स्थित दनुआं घाटी में रविवार की देर रात भीषण बस हादसे में दर्जन भर बस यात्रियों की मौत हो गयी. जबकि, बस पर सवार दो दर्जन लोग घायल हो गये. महारानी नामक यात्री बस गुमला-रांची से सवारी लेकर गया होते हुए बिहार के मसौढ़ी जा रही थी. इसी दौरान दनुआं घाटी में बस का ब्रेक फेल हो गया और बस असंतुलित होकर आगे चल रहे एक टेलर गाड़ी में पीछे से टक्कर मार दी, जिससे बस पर सवार सात यात्रियों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. वहीं, बस पर सवार लगभग सभी यात्री घायल हो गये.

मृतकों में बिहार के कई लोग
महरानी बस हादसे में शिवशंकर प्रसाद रातु रोड रांची, भारती देवी रांची, बंधनी देवी गुमला के अलावा बिहार के गया निवासी उपेंद्र वर्णवाल एवं उनका बेटा आदित्य कुमार 10 वर्ष और गया के ही रामानंद पासवान के नाम शामिल हैं. जबकि, अन्य मृतकों की पहचान नहीं हो सका है.

बस हादसे में गया की 30 वर्षीया डोली कुमारी, सरनीपुर के प्रदीप कुमार शर्मा (40), बेलामंत की रंजु देवी (25), रांची के सुरजीत शर्मा (13), रांची की खुशबु कुमारी (28), यूपी के चंदौली के नीलेश कुमार (20), रांची के शौर्य कुमार (7), बालूमाथ के पप्पू कुमार (13), खिजरसराय के उमेश तिवारी (45), गया के मखदूमपुर के नवलेश कुमार पत्नी सहित घायल हो गये हैं. साथ ही गया के सौरव कुमार (30), रानीगंज निवासी उपचालक सतन विश्वकर्मा (35), बालूमाथ के पिंटू कुमार (25), रांची के रातू रोड निवासी मधु कुमार, गया के सौरव कुमार (18), रांची के सुनील कुमार (45), गया की प्रियांन देवी (28), गया की बुलबुल कुमारी (5), गया के कौशल कुमार (35), ठाकुर बिगहा के कपिलदेव प्रसाद (45), जहानाबाद की मीना शर्मा अंबे, रांची की भारती देवी (40), गया के कारू बलराम (46), गया के रामबहल कुमार, जहानाबाद के मुन्ना शर्मा, गया के मयंक आनंद, कृष्णबलाभ सिंह, कपिल देव सिंह, कौशल कुमार सहित कई लोगों का नाम शामिल हैं.

घायलों को सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया
हादसे की सूचना पाते ही एसडीपीओ मनीष कुमार, बीडीओ अमित कुमार श्रीवास्तव, सीओ नितिन शिवम गुप्ता एवं थाना प्रभारी नितिन कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच कर राहत कार्य में जुट गये. प्रशासन के प्रयास से गाड़ी अंदर फसे घायल यात्रियों को बड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा सका. सभी घायलों को सामुदायिक अस्पताल में भरती कराया गया. प्राथमिक इलाज के बाद डॉ धीरज कुमार ने बेहतर इलाज के लिए सभी को हजारीबाग सदर अस्पताल भेज दिया.

गाड़ी के अंदर फंसे मृतकों के शव एवं घायलों को देखकर लोगों का दिल दहल गया. घायलों की चीत्कार से बड़ी संख्या में आसपास गांव के लोग एवं सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता यात्रियों के बचाव में जुट गये. बस के अंदर फंसे शव को कटर मशीन से गाड़ी के हिस्से को काट-काट कर निकाला जा सका.