100 crore recovery | ठाकरे सरकार और अनिल देशमुख दोनों को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की दोनों की याचिका

मुंबई : ऑनलाइन टीम – (100 crore recovery) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को उनकी याचिका को खारिज (100 crore recovery) कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ रिश्वत, भ्रष्टाचार और आपराधिक (Bribery, corruption and criminal) साजिश का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई एफ (100 crore recovery) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एफआईआर (FIR) को चुनौती दी गई थी। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें 21 अप्रैल को देशमुख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर से दो पैरा को हटाने की मांग की गई थी।

अपनी याचिका में एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने दावा किया था, ‘बिना किसी आपत्तिजनक सामग्री के उनकी स्थिति को बदनाम करने के लिए मनमानी और अवैध एफआईआर दुर्भावनापूर्ण है।’ बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘सीबीआई अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों से जुड़े तबादलों और पोस्टिंग की वैध तरीके से जांच कर सकती है।’ 5 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता के नेतृत्व में हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मामले को “अभूतपूर्व” करार दिया था और वकील जयश्री पाटिल की शिकायत के आधार पर देशमुख के कार्यों में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। उनकी शिकायतों में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मार्च के पत्र का हवाला दिया गया, जिसमें देशमुख और अन्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। बॉम्बे HC के आदेश के कुछ घंटों बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 24 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय ने देशमुख के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपील दायर करने के लिए समय दिए जाने की खातिर फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया था।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई के जरिए देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली थी।