हाईकोर्ट ने अब कोरोना को लेकर योगी केकाम की सराहना की

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 28 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में कोविड प्रबंधन के प्रति योगी आदित्यनाथ सरकार के अप्रोच पर कठोर टिप्पणी करने के कई हफ्ते बाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब बेहतर सुविधाओं के लिए प्रशासन द्वारा चुनौतियों से निपटने के तरीके पर संतोष व्यक्त किया है।

अदालत ने गुरुवार को इस बात की सराहना की है कि बहराइच, श्रावस्ती, बिजनौर, बाराबंकी और जौनपुर जिलों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में सुधार के संबंध में काम किया गया है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और शामली को समान सुविधाओं की वृद्धि की सूची में जोड़ने का भी निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा, हमने रिपोर्ट का अध्ययन किया है और इस बात की सराहना करते हैं कि चिकित्सा बुनियादी ढांचे में सुधार के संबंध में कुछ काम किया गया है । उम्मीद है कि अन्य जिलों के संबंध में भी इसी तरह के प्रयास किए जाएंगे।

कोर्ट ने कहा, अगली तारीख तक राज्य सरकार भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और शामली में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्च र में सुधार के संबंध में रिपोर्ट दे सकती है।

अदालत राज्य में कोविड देखभाल से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि राज्य में डायग्नोस्टिक्स के लिए फीस की कैपिंग के लिए संतोषजनक काम किया गया है।

आरटी-पीसीआर परीक्षणों के संबंध में, शुल्क 500 रुपये से 900 रुपये के बीच है। एंटीजन परीक्षणों के लिए, 200 रुपये के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है।

अदालत ने केंद्र सरकार को दिव्यांगों के टीकाकरण के संबंध में एक स्टैंड के साथ आने का भी निर्देश दिया, जिन्हें टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में मुश्किल होती है।

अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब राज्य सरकार ने 11 मई, 2021 को अपने हलफनामे में कहा कि वह दिव्यांगों के टीकाकरण के संबंध में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को अपनाएगी।

–आईएएनएस

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