हर व्यक्ति पर 64 हज़ार रुपए का कर्ज

जयंत पाटिल का निशाना फडणवीस सरकार पर
मुंबईः पुणे समाचार

बजट भाषण में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि फडणवीस सरकार को बने तीस हज़ार घंटे हो गए हैं। उनकी इसी बात का संदर्भ लेते हुए राष्ट्रवादी काँग्रेस के जयंत पाटिल ने प्रदेश के किसानों की आत्महत्या, हत्या और महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों से संबंधित आँकड़ों का हवाला देते हुए मुनगंटीवार पर निशाना साधा।

उनके अनुसार महाराष्ट्र राज्य पर लगभग 8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, यदि इसे देखा जाए तो हर व्यक्ति सिर पर 64 हज़ार रुपए के कर्ज का बोझ है। उन्होंने फब्ती कसी कि राजस्व के लिहाज़ से घाटे का बजट होने के बावज़ूद वित्त मंत्री इस बजट को प्रदेश को विकास के मार्ग पर ले जाने वाला कहने का दावा कर रहे हैं तो ऐसे ‘अर्थशास्त्री’ मुनगंटीवार का हम स्वागत करते हैं।

जयंत पाटिल ने फडणवीस सरकार के कार्यकाल के तीस हज़ार घंटों में प्रदेश के लगभग 16 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की, मतलब हर नब्बे मिनट पर एक आत्महत्या हुई। हर तीसरे घंटे ख़ून, तीस हज़ार महिलाओं का बलात्कार मतलब हर घंटे एक महिला का बलात्कार, 17 हज़ार महिलाओं का बलात्कार मतलब हर 75 वें मिनट में एक बलात्कार…इस तरह के आँकड़े जब जयंत पाटिल ने सामने रखे तो सत्ता पक्ष की बोलती बंद हो गई।

उन्होंने यह भी कहा कि बीते साल 1 जुलाई से जीएसटी कानून अमल में लाया गया। जीएसटी से केंद्र सरकार की आय में बड़े पैमाने पर हुई वृद्धि का दावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया था लेकिन प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से जो राशि मिलनी थी उसमें लगभग छह हज़ार करोड़ रुपए की कमी आई। सिंचाई परियोजना पर पड़ौसी राज्य 16 से 22 हज़ार रुपए खर्च करने वाले हैं लेकिन हम केवल आठ हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान कर अपनी वाह-वाही लूटना चाहते हैं। पाटिल ने दावा किया कि सरकार का मित्र पक्ष भी नाख़ुश है और शिवसेना की नाराज़गी उनके समाचार पत्र में दिख रही है जिसमें टिप्पणी है –‘जेब में नहीं कौड़ी, घोषणाएँ कोरी (खिशात नाही आणा, नुसता घोषणांचा घाणा)’।