स्मार्ट’ कर्मियों की नौकरी हेतु पीएमसी में ‘शोले स्टाईल’ आंदोलन

पुणे, मानदेय पर काम करनेवाले 200 से ज्यादा ‘स्मार्ट’ कर्मचारियों को पुणे मनपा प्रशासन द्वारा नौकरी से निकाल दिया है। उन्हें पुन: नौकरी पर लेने की मांग की ओर ध्यानाकर्षित करने के लिए मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) की भूतपूर्व नगरसेविका रुपाली पाटिल व युगंधरा चाकणकर ने मंगलवार की दोपहर मनपा मुख्यालय की छत पर पहुंच कर ‘शोले स्टाईल’ में आंदोलन किया। सभी निष्कासित कर्मचारियों को नौकरी पर लें अन्यथा यहां से छलांग लगा देने की चेतावनी दिए जाने से मनपा भवन क्षेत्र में खलबली मच गई। मनपा आयुक्त द्वारा आश्वस्त किए जाने के बाद ये दोनों छत से नीचे उतरी।
स्मार्ट मनपा के कामकाज का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। इसके लिए मनपा प्रशासन द्वारा स्मार्ट संस्था के माध्यम से 200 महिला व 30 पुरुष कर्मियों को कम्प्यूटर आॅपरेटर व दूसरे कामों के लिए नियुक्त किया था। इनकी नियुक्ति के बाद से स्थायी सेवा में शामिल मनपा के कर्मचारी अपने काम से मुंह चुराने लगे, यह बात ध्यान में आने के बाद प्रशासन ने गत 10 से 15 सालों से मानदेय पर नियुक्त सभी कर्मचारियों को हटा दिया। उन्हें पुन: नौकरी पर रखने के लिए पूर्व नगरसेविका रुपाली पाटिल बीते माहभर से मनपा मुख्यालय के चक्कर काट रही हैं, मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग सकी।
बार- बार दरकार के बाद भी प्रशासन कोई ठोस फैसला करने हेतु तैयार नहीं हुआ, वहीं पदाधिकारियों से भी महज आश्वासन के कुछ हाथ नहीं आया। इससे नाराज होकर पाटिल व दूसरी पूर्व नगरसेविका युगंधरा चाकणकर आज दोपहर मनपा मुख्यालय पहुंची। मनपा के आपदा निवारण कक्ष के सामने ही मुख्यालय इमारत की छत है। ये दोनों छत पर पहुंच गई और उसकी गैलरी में आकर आंदोलन व नारेबाजी करने लगी। स्मार्ट कर्मियों को पुन: नौकरी पर लेने का फैसला न हुआ तो यहां से छलांग लगा देने की चेतावनी उन्होंने दी। इससे पूरे मनपा गलियारे में हडकम्प मच गया। सभी अधिकारी व नेतागण उन्हें समझाते रहे मगर आयुक्त के आए बिना नीचे उतरने से उन्होंने मना कर दिया। अंतत: मनपा आयुक्त कुणाल कुमार व अतिरिक्त आयुक्त शीतल उगले- तेली यहां पहुंचे, उन्होंने 25 जनवरी तक इस बारे में फैसला का भरोसा दिलाया, तब कहीं जाकर दोनों नीचे उतरी और यह पूरा मामला शांत हो सका।