सोनभद्र की घटना बहुत बड़ी, प्रशासन पीड़ितों को परेशान कर रहा : प्रियंका

 सोनभद्र, 13 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मंगलवार को सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंचीं। उन्होंने नरसंहार पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और कहा कि घटना बहुत बड़ी है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा पीड़ितों को परेशान किया जा रहा है।

  प्रियंका ने यहां एक-एक कर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इसके साथ ही घटना के चश्मदीद रामराज और रामधनी से पूरे घटनाक्रम को जाना। प्रियंका ने कहा, “घटना बहुत बड़ी है और प्रशासन पीड़ितों को परेशान कर रहा है। कांग्रेस इसे उच्च सदन में उठाएगी।” प्रियंका ने पीड़तों के परिजनों से कहा कि वह हमेशा उनके साथ हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा, “करीब 80-90 निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। महिलाओं पर भी गुंडा एक्ट लगाया गया है। सरकार अगर मामले में कोई कार्रवाई करना चाहती है तो, जिन पर फर्जी मुकदमे लगाए गए हैं, पहले उन्हें वापस लिया जाए। क्योंकि ये लोग पहले से ही प्रताड़ित हैं। इन पर अत्याचार हुआ है।”

इस दौरान पीड़ित परिवारों ने कहा, “हमारे बच्चों को नौकरी मिले, हमारे ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। घटना के लिए जिम्मेदार भूर्तिया परिवार को फांसी दी जाए।”

परिवारों ने कहा, “नरसंहार के बाद इस घटना में कुछ बेकसूर लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, जबकि दोषी बाहर घूम रहे हैं। निर्दोष लोगों को छोड़ा जाए।”

इस पर प्रियंका ने वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं से कहा कि वे इसके लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से बात करें। इसके बाद प्रियंका ने घायलों से मुलाकात की।

इसके पहले प्रियंका उम्भा गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में परिजनों से मिलने के बाद गांव की एक महिला के साथ घटनास्थल भी देखने गईं। वहां से लौटने के बाद मृतकों के घर जाकर उनकी स्थिति देखी। इस दौरान उन्होंने कुछ पीड़ितों को दिल्ली भी बुलाया। इस दौरान सुरक्षा की चौकस व्यवस्था रही।

गौरतलब है कि 17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर उम्भा गांव में नरसंहार हुआ था। घटना में 10 लोगों की जान चली गई थी और 28 लोग घायल हो गए थे। घटना के दो दिन बाद ही 19 जुलाई को प्रियंका वाड्रा पीड़ितों से मिलने आ रही थीं। रास्ते में ही उन्हें नारायणपुर में रोक दिया गया। इस दौरान वह वहीं धरने पर बैठ गईं। इसके बाद उन्हें नारायणपुर से चुनार स्थित अतिथि गृह ले जाया गया, जहां उन्होंने रात गुजारी। उसके बाद उम्भा गांव की महिलाएं प्रियंका से मिलने चुनार पहुंचीं। प्रियंका पीड़ित महिलाओं से मिलकर दिल्ली वापस लौट गई थीं।