सेल चेयरमैन पर हमला ‘रोडरेज’ नहीं, हत्या की साजिश थी : दिल्ली पुलिस (लीड-1)

नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| बीते माह स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक पर हुआ हमला कोई रोडरेज की घटना नहीं, बल्कि यह उनकी हत्या की साजिश थी, और इस साजिश में सीधे तौर पर धनबाद का कोयला माफिया संलिप्त था। इस बात का खुलासा दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने किया है।

अपराध शाखा ने इस सिलसिले में एक कोयला माफिया सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार साजिशकर्ताओं के नाम अशोक कुमार सिंह और सुनील बलारा है। पुलिस के अनुसार, सेल के प्रबंध निदेशक की हत्या की सुपारी छह लाख रुपये में दी गई थी।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त डॉ. जी. रामगोपाल ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, “कोयला माफिया और मुख्य साजिशकर्ता अशोक कुमार सिंह को शुक्रवार को अपराध शाखा ने दिल्ली के वसंतकुंज स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है। जबकि उसके साथी सुनील बलारा को हरियाणा से कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया।”

डीसीपी ने बताया, “सुनील बलारा दिल्ली और हरियाणा में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। सेल के प्रबंध निदेशक चौधरी की हत्या की साजिश का मुख्य साजिशकर्ता अशोक कुमार सिंह, सुनील बलारा को काफी समय से जानता है।”

अपराध शाखा के मुताबिक, “कोयला माफिया अशोक कुमार सिंह का कोयले का कारोबार भारत, दुबई से लेकर अमेरिका तक फैला हुआ है। वह खुद को कोयले का कारोबार करने वाली दुबई की एक कंपनी और एक अमेरिकी कंपनी का प्रतिनिधि बताता है।”

कोयला माफिया अशोक ने पूछताछ में पुलिस को जो कुछ बताया, उसके अनुसार, “कोयले के इस कारोबार में उसका बेटा भी जुड़ा है। आरोपी ने 2018 में करीब 100 करोड़ रुपये के कोयले की आपूर्ति सेल को हल्दिया और विशाखापट्टनम में शुरू की थी। उस ठेके के लिए सेल के साथ बाकायदा लिखित समझौता हुआ था। जब कोयला अमेरिका से भारत स्थित हल्दिया और विशाखापट्टनम पहुंचा, तो सेल के ‘कोयला क्वालिटी कंट्रोलर’ विंग ने उसे घटिया स्तर का करार दिया। इस आपत्ति के बाद अशोक और उसके बेटे द्वारा सेल को की जा रही कोयले की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से रोक दी गई।”

उपायुक्त डॉ. जी. रामगोपाल ने बताया, “सेल के इस सख्त कदम से उसकी कंपनी को 60-70 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा था। इस आपत्ति की फाइल को ‘क्लियर’ न होने देने में सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी सबसे बड़ी बाधा थे। लिहाजा अशोक ने सेल चेयरमैन को रास्ते से हटाने के लिए भाड़े के हत्यारों से उनका कत्ल कराने का षड्यंत्र रच डाला।”

रामगोपाल ने आगे बताया, “अशोक कुमार सिंह ने सुनील बलारा नामक एक प्रापर्टी डीलर को सेल चेयरमैन की हत्या की सुपारी छह लाख रुपये में दे दी। सुनील बलारा ने दो लाख रुपये आगे देकर हत्या के लिए भाड़े के चार अपराधियों को तैयार कर लिया। सुपारी की रकम का बाकी हिस्सा सेल प्रबंध निदेशक के कत्ल के बाद हत्यारों को मिलना था।”

योजना के मुताबिक, भाड़े के हत्यारों ने आठ अगस्त की रात सेल चेयरमैन के दक्षिणी दिल्ली स्थित हुडको पैलेस वाले दफ्तर से घर जाते वक्त उन पर हथियारों से हमला बोल दिया। सड़क पर शोर-शराबा सुनकर इलाके में गश्त कर रही दिल्ली पुलिस की पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस टीम ने दो हमलावरों को दबोच लिया। बाद में उनके दो अन्य साथियों को भी दबोच लिया गया।

गिरफ्तार चार हमलावरों में एक सत्येंद्र उर्फ छुट्टन भी था। अपराध शाखा के डीसीपी ने आईएएनएस को बताया, “दरअसल पूरा मामला सतेंद्र से मिली जानकारी के आधार पर ही अब खुला है। सत्येंद्र, हरियाणा से पकड़े गए दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर सुनील बलारा का रिश्तेदार बताया जाता है। सुनील बलारा ने ही सत्येंद्र को सेल चेयरमैन की हत्या का जिम्मा सौंपा था।”