सेना पायलट बनकर विमानन कोर में शामिल होंगी महिलाएं : जनरल नरवणे

नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। महिलाओं को अगले साल से सेना की विमानन कोर (आर्मी एविएशन) में पायलट के तौर पर शामिल किया जाएगा। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को यह बात कही।

जनरल नरवणे ने मंगलवार को यहां एक वार्षिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आर्मी एविएशन में अब तक महिला ऑफिसर सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी पर ही थीं, मगर अब इस साल जुलाई से जब कोर्स शुरू होगा, तब महिलाएं फ्लाइंग विंग में भी शामिल होंगी।

सेना प्रमुख ने कहा कि महिला पायलट हेलीकॉप्टरों को आगे के स्थानों पर उड़ाएंगी और सीमाओं पर परिचालन का हिस्सा भी होंगी। सेना प्रमुख ने कहा कि इसके संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

भारतीय वायुसेना में 10 महिला फाइटर पायलट हैं। भारतीय नौसेना में, महिला पायलट डोर्नियर विमान उड़ा रही हैं और बोर्ड हेलिकॉप्टर और पी8आई निगरानी विमान में पर्यवेक्षक के रूप में भी काम कर रही हैं।

10 लड़ाकू पायलटों के अलावा, वायुसेना में 111 महिला पायलट हैं, जो परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों को उड़ाती हैं।

नई दिल्ली में अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जनरल नरवणे ने कहा, पिछले महीने ही मैंने एक प्रस्ताव मूव किया था, ताकि महिला अधिकारियों को सेना उड्डयन में भर्ती किया जा सके। अगले साल जुलाई में शुरू होने वाले अगले पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण के लिए महिलाओं को शामिल किया जाएगा और एक वर्ष के बाद वह परिचालन कर्तव्यों में शामिल होने में सक्षम होंगी।

भारतीय सेना ने 1 नवंबर, 1986 को आर्मी एविएशन कॉर्प्स शुरू की थी और इसमें हेलीकॉप्टर शामिल किए गए, जो संघर्ष और शांति क्षेत्रों में उड़ान भरते हैं।

भारतीय सेना के लिए एविएशन कॉर्प्स महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेशन या स्वास्थ्य आपात स्थिति के दौरान घायल सैनिकों को निकालने के लिए कार्रवाई में लगाया जाता है।

आर्मी एविएशन कॉर्प्स हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किसी चीज को ढूंढने, अवलोकन करने, हताहतों को बाहर निकालने के साथ ही महत्वपूर्ण खोज और बचाव के लिए भी किया जाता है।

इसके हेलीकॉप्टर पूरे देश में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों में भी भाग लेते हैं।

अतीत की बात करें तो कारगिल जैसे अभियानों में कोर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही यह लद्दाख में चल रहे भारत-चीन सैन्य गतिरोध के दौरान विभिन्न कार्यों को अंजाम देने में भी सबसे आगे रही है।

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके