डीपीए न्यूज एजेंसी ने सोमवार को बताया कि न्यायपालिका ने सू की मांग मानने से इनकार कर दिया है।
सू की की रक्षा टीम के वकील मिन मिन सोई के मुताबिक, सैन्य अधिग्रहण के मद्देनजर हिरासत में लिए गए राष्ट्रपति विन मायंट ने भी यही मांग की थी।
वकील ने कहा, हम उन दोनों को वीडियो लिंक के जरिए ट्रायल में देखने में सफल रहे और वे स्वस्थ नजर आए।
वास्तव में सू की और विन मायंट को कहां रखा गया है, यह अभी तक अस्पष्ट है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मिन मिन सोई ने कहा, कोविड-19 प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का एक और आरोप भी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता के खिलाफ लगाया गया है, लेकिन इस बारे में सटीक विवरण अभी अस्पष्ट है।
सू की इन विनियमों के सिलसिले में पहले से ही एक मामले का सामना कर रही हैं।
न्यायपालिका ने 75 साल पुराने कई अपराधों का आरोप उन पर मढ़ा है, जिसमें उनके घर में मिले रेडियो उपकरणों के संबंध में विदेशी व्यापार कानूनों का उल्लंघन शामिल है।
हाल ही में, सैन्य शासकों ने स्टेट सीक्रेट्स लॉ के कथित उल्लंघन का एक मामला लाया है, जो औपनिवेशिक काल का कानून है। इस कानून के तहत 14 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
अब तक का सबसे गंभीर आरोप है जनता को राजद्रोह के लिए उकसाना।
मार्च के अंत में सू की को वीडियो लिंक के जरिए मिन मिन सोई के साथ संक्षेप में बात करने की अनुमति दी गई थी। तख्तापलट के बाद से हालांकि वह बचाव करने वाले अपने वकीलों से मिल नहीं पाई हैं।
उनके वकील ने कहा कि अगली सुनवाई अप्रैल के लिए निर्धारित है।
म्यांमार में तख्तापलट के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। सैनिकों ने इसका जवाब आबादी पर हिंसक कार्रवाई से दिया है।
एक गैर-लाभकारी संगठन असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) के अनुसार, लगभग 2,850 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और 48 बच्चों सहित कम से 598 लोग मारे गए हैं।
–आईएएनएस
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