पटना, 19 नवंबर (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का फर्जी निबंधन करने वालों के परिसरों का निरीक्षण किया जाएगा। मोदी ने बिना किसी कारोबार के जीएसटी का फर्जी निबंधन कराने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार एक अभियान चलाकर वैसे लोगों के परिसर का निरीक्षण करेगी जो नया निबंधन तो करा लिए हैं, मगर वास्तव में कोई कारोबार नहीं करते।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 50 वाणिज्यकर अंचलों के 700 से अधिक करदाता कारोबारियों, कर सलाहकारों व अंकेक्षकों से जीएसटी से जुड़ी समस्याओं और सुझाव पर करीब ढाई घंटे तक चर्चा करने के बाद उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक 98 ऐसे करदाता पाए गए हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसे लोग कागज पर ही 1,921 करोड़ से अधिक का माल (वस्तु) मंगाकर 419 करोड़ की करवंचना की है।
उन्होंने कहा कि सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें फर्जी कारोबारियों के साथ सीए भी शामिल हैं। इसके साथ ही छह माह तक लगातार विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 7,368 कारोबारियों के निबंधन को रद्द किया गया है।
मोदी ने कहा कि बिहार में वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष के आठ महीने में जीएसटी संग्रह में 6़ 73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक 91,748 करोड़ रुपये की उपभोक्ता सामग्री बिहार में बिकने के लिए मंगाई गई, जो पिछले साल की इसी अवधि से तीन प्रतिशत अधिक है। इनमें सर्वाधिक 8,242 करोड़ रुपये का आयरन एंड स्टील, 3,475 करोड़ रुपये का मोबाइल व फोन, 3,409 करोड़ रुपये के दो व तीन पहिया वाहन और 3,325 करोड़ रुपये के सीमेंट शामिल हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि 20 लाख की जगह अब सालाना 40 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए निबंधन की अनिवार्यता नहीं होगी, जबकि 20 लाख तक टर्नओवर वाले सेवा प्रदाताओं को निबंधन कराना होगा।
कम्पोजिशन स्कीम में शामिल कारोबारियों के लिए टर्नओवर की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है। इन्हें मामूली हिसाब-किताब रखकर नाममात्र का निश्चित कर देना होता है।