यहां एक वेबिनार में सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में आज हम एक और मील का पत्थर स्थापित कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सीवर या सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई करने वाले का जीवन कभी भी खतरे में ना पड़े। उन्होंने कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के मूल में स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा को हमेशा बनाए रखा है।
विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर शुरू किए गए इस चैलेंज का उद्देश्य सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई को रोकना और उनकी मशीन से सफाई को बढ़ावा देना है।
पुरी ने कहा, मैनुअल स्केवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 और उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णय स्पष्ट रूप से खतरनाक एवं हानिकारक सफाई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते हैं, यानी कि कोई भी व्यक्ति सुरक्षात्मक उपकरण धारण किए बिना किसी सेप्टिक टैंक या सीवर में प्रवेश नहीं कर सकता है और न ही ऐसी प्रक्रियाओं में हिस्सा ले सकता है।
–आईएएनएस
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