सरकार भरोसे नहीं होगा परिवर्तन, दूरद्रष्टा थे दत्तोपंत ठेंगड़ी : उपराष्ट्रपति

 नई दिल्ली, 13 नवम्बर (आईएएनएस)| उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यहां बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी को सच्चा देशभक्त और संत बताया।

  नायडू ने कहा कि ठेंगड़ी एक दूरद्रष्टा थे और उनकी नेतृत्व क्षमता अद्वितीय थी, और उसी क्षमता के बल पर उन्होंने शून्य से कई ‘हिमालय’ खड़े किए। नायडू ने देश में परिवर्तन के लिए जनभागीदारी की अपील की और कहा कि सिर्फ सरकार के भरोसे बैठे रहने से परिवर्तन नहीं होगा। नायडू यहां मावलंकर सभागार में आयोजित दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। संघ परिवार भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्म शताब्दी मना रहा है, जिसके तहत पूरे सालभर कार्यक्रम आयोजित होंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “ठेंगड़ीजी ने देश के श्रमिक आंदोलन को एक सकारात्मक दिशा दी और उसे आंदोलनों और हड़तालों से बाहर निकालकर देश के रचनात्मक विकास में सहभागी बनने के लिए प्रेरित किया। यह ठेंगड़ी के श्रम का ही परिणाम है कि आज उनके द्वारा स्थापित भारतीय मजदूर संघ देश का सबसे बड़ा श्रम संगठन है।”

उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, “हमेशा सरकार के भरोसे बैठे रहने से परिवर्तन नहीं होगा। समाज की जब तब सक्रिय भूमिका नहीं होगी देश में जरूरी परिवर्तन नहीं होगा। जब तक हम नई तकनीक में दक्षता हासिल नहीं करेंगे तब तक तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ संतुलन स्थापित नहीं कर पाएंगे। इसलिए भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय किसान संघ मजदूरों एवं किसानों को नई तकनीक सिखाने पर भी ध्यान केंद्रित करें।”

आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने इस मौके पर कहा, “ठेंगडीजी कहा करते थे कि आधुनिकीकरण का मतलब पश्चिमीकरण नहीं है। वह एक विचारक और संगठक दोनों थे। सामान्य बीड़ी मजदूर की भी वह उसी प्रकार चिंता करते थे, जिस प्रकार अन्य लोगों की। उनके जीवन काल में संगठन की ओर से उन्हें जो भी कार्य दिया गया, उसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया। आपातकाल में उन्होंने भूमिगत आंदोलन का सशक्त नेतृत्व किया। वह एक विचारक के साथ-साथ अध्येता भी थे। वह अपने अनुभव पुस्तकों में संकलित किया करते थे। स्वतंत्र भारत में वह स्वदेशी आंदोलन के जनक थे। इसके माध्यम से उन्होंने देश में आर्थिक आजादी के आंदोलन की शुरुआत की। दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की उन्होंने बहुत ही स्पष्ट व्याख्या की।”

पूर्व राज्यपाल प्रो. ओमप्रकाश कोहली ने कहा कि भारतीयता और राष्ट्रीयता ठेंगडीजी के चिंतन में दिखाई देती है। उन्होंने वर्ग संघर्ष के स्थान पर वर्ग सहयोग का मार्ग दिखाया।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डॉ. कृष्ण गोपाल, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी.के. सजी नारायणन, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण, प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, संघ के सह संपर्क प्रमुख रामलाल आदि मौजूद रहे।